महाकुम्भ के लिए लगा 300 किलोमीटर लंबा जाम

संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए असंख्य श्रद्धालु देश के कोने-कोने से प्रयागराज की ओर उमड़ रहे हैं। मार्ग में जाम की स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि राजमार्गों पर वाहन रेंगते हुए चल रहे हैं, और लगभग 300 किलोमीटर लंबा जाम श्रद्धालुओं के लिए सिरदर्द बन चुका है। यातायात के दबाव को कम करने के लिए प्रशासन ने प्रयागराज के आसपास के जिलों और अन्य राज्यों में वाहनों को डायवर्ट किया है, लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं को अनगिनत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क किनारे पार्किंग स्थल तो बना दिए गए हैं, लेकिन वहां से शटल बसों या अन्य परिवहन साधनों की अनुपलब्धता के कारण श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। खासकर बांदा-चित्रकूट, मिर्जापुर, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर जैसे रास्तों पर आने वाले वाहन सुबह से जाम में फंसे हुए थे, लेकिन दोपहर तक स्थिति कुछ हद तक सामान्य हो पाई।
महाकुंभ मेले में भीड़ बढ़ने के कारण सभी राजमार्गों पर जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई थी। मध्य प्रदेश, रीवा, चित्रकूट, दिल्ली, लखनऊ, बिहार जैसे राज्यों से आने वाले श्रद्धालु घंटों तक जाम में फंसे रहे। इस दौरान उन्हें खाना और पानी भी मयस्सर नहीं हो पा रहा था। रविवार रात से लेकर सोमवार दोपहर तक यह स्थिति बनी रही।
जाम की स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज किया और वाहनों को उनके गंतव्य की ओर जल्दी पहुंचाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया। हालांकि, टोल नाकों और बैरिकेडिंग प्वॉइंटों पर वाहनों का जमघट अभी भी जारी था। चाकघाट और चित्रकूट सीमा जैसे स्थानों पर ट्रैफिक को संभालना पुलिसकर्मियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे एक-दो दिन तक रीवा पहुंच मार्ग से आगे न बढ़ें और प्रशासन को निर्देश दिया है कि जहां भी जाम की स्थिति है, वहां यात्रियों के लिए पानी, भोजन और आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।