उत्तर भारत की महिलाओं को पांच - दस पुरुषों से शादी की अनुमति है - तमिल मंत्री के बिगड़े बोल

मतदारसंघ पुनर्गठन के मुद्दे पर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच तनाव चल रहा है। इस बीच, दोनों पक्षों के नेताओं की ओर से कुछ ऐसे बयान सामने आ रहे हैं, जिनसे उत्तर भारत और दक्षिण भारतीय लोगों के बीच एक बड़ी खाई पैदा हो सकती है। तमिलनाडु सरकार में द्रमुक (DMK) के वरिष्ठ मंत्री दुरई मुरुगन के बिगड़े बोल इसका एक उदाहरण है। उन्होंने कहा, "उत्तर भारतीय संस्कृति में महिलाओं को 5-10 पुरुषों से शादी करने की अनुमति है। लेकिन, हमारे यहां (द्रविड़ संस्कृति में) ऐसी प्रथा नहीं है।"
दुरई मुरुगन ने वेल्लोर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "द्रविड़ संस्कृति (दक्षिण भारत की संस्कृति, विशेषकर तमिल) उत्तर भारत की संस्कृति से बेहतर है। उत्तर भारत की संस्कृति हमारी संस्कृति के विपरीत है। उत्तर भारतीय संस्कृति बहुविवाह जैसी चीजों का समर्थन करती है। उत्तर भारत की संस्कृति वहां की महिलाओं को पांच-पांच, दस-दस पुरुषों से शादी करने की अनुमति देती है। लेकिन तमिल संस्कृति में ऐसी चीजें नहीं हैं।" अपने इस दावे के साथ उन्होंने महाभारत में द्रौपदी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "द्रौपदी ने भी पांच पुरुषों से शादी की थी।" मुरुगन ने कहा, "हमारी संस्कृति में एक पुरुष एक महिला से शादी कर सकता है। लेकिन, उत्तर भारत की महिलाएं पांच या दस पुरुषों से शादी कर सकती हैं। वहां पांच पुरुष एक महिला से शादी करते हैं। यह उनकी संस्कृति है। एक के जाने के बाद दूसरा आता है।"
**उत्तर भारत के लोगों ने 17-18 बच्चे पैदा किए: मुरुगन**
दुरई मुरुगन यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, "केंद्र में सत्ता में बैठे लोगों ने हमें जनसंख्या नियंत्रित करने को कहा। हमने उनके निर्देशानुसार जनसंख्या नियंत्रित की। अब हमारी जनसंख्या कम हो गई है। लेकिन, उसी दौरान उत्तर भारत के लोगों ने 17, 18, 19 बच्चे पैदा किए। क्योंकि उनके पास और कोई काम नहीं है।"
मतदारसंघ पुनर्गठन के मुद्दे पर बोलते हुए दुरई मुरुगन ने यह बयान दिया। उन्होंने कहा, "तमिलनाडु सरकार मतदारसंघ पुनर्गठन के विरोध में है। अगर मतदारसंघ पुनर्गठन किया गया, तो दक्षिण भारत के सभी राज्यों का संसद में प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा। दूसरी ओर, उत्तर भारत के राज्यों का संसद में प्रतिनिधित्व कई गुना बढ़ जाएगा। उनका प्रतिनिधित्व पहले से ही ज्यादा है।"