राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड के साथ बैठक में अमेरिका में खालिस्तानी गतिविधियों पर चिंता जताई

भारत ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के बीच हुई बैठक में अमेरिका में सक्रिय खालिस्तानी समूह सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) की भारत-विरोधी गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की।
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान सिंह ने अमेरिकी प्रशासन से इस समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। सोमवार को हुई सिंह और गबार्ड की बैठक में भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें रक्षा और खुफिया साझाकरण पर विशेष जोर दिया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि रणनीतिक सुरक्षा दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है।
बयान में कहा गया, "राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड ने भारत और अमेरिका के बीच सैन्य अभ्यास, रणनीतिक सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण और विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में सूचना साझाकरण सहयोग के क्षेत्र में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की।"
बयान में आगे कहा गया, "दोनों नेताओं ने अत्याधुनिक रक्षा नवाचार और निच तकनीकों में सहयोग के नए रास्ते तलाशे, जो उनकी आपसी रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, उन्होंने अंतरसंचालनीयता बढ़ाने और रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के अधिक एकीकरण को बढ़ावा देने जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की, ताकि लचीलापन और नवाचार को मजबूत किया जा सके।"
गबार्ड की भारत यात्रा ट्रंप प्रशासन के किसी अधिकारी की पहली उच्च-स्तरीय यात्रा है। सिंह के साथ उनकी चर्चा से पहले रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ बैठक हुई, जिसमें खुफिया साझाकरण और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई।
गबार्ड ने भारत द्वारा आयोजित वैश्विक खुफिया प्रमुखों के एक सम्मेलन में भी भाग लिया, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के प्रतिनिधि शामिल थे। इस बंद दरवाजों वाली चर्चा में खुफिया साझाकरण, आतंकवाद विरोधी प्रयासों, उभरती प्रौद्योगिकी से जुड़े खतरों और इंडो-पैसिफिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भारतीय पक्ष ने विदेशी धरती से सक्रिय भारत-विरोधी तत्वों, जिसमें खालिस्तानी समूह भी शामिल हैं, पर चिंता जताई। इस सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। गबार्ड की बहु-राष्ट्र यात्रा में जापान, थाईलैंड और फ्रांस भी शामिल हैं।
9 मार्च को कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने "भारत-विरोधी" नारे लिखे, जिस पर भारत ने कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने ऐसे कृत्यों को "घृणित" बताते हुए कहा कि स्थानीय अधिकारियों को पूजा स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
यह घटना न्यूयॉर्क में बीएपीएस मंदिर पर हुई इसी तरह की घटना के दस दिन बाद हुई। पिछले साल भी हिंदू मंदिरों में ऐसी ही घटनाएं हुई थीं।
भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि खालिस्तानी समर्थक समूह सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) अमेरिका और अन्य देशों में भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित करके और "निराधार" मामले दर्ज कराकर भारत-विरोधी प्रचार फैला रहा है। भारत ने एसएफजे पर "राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों" में शामिल होने का आरोप लगाया है।
भारत सरकार ने लगातार कनाडा और अमेरिका के अधिकारियों के सामने पन्नून और अन्य खालिस्तानी नेताओं की कार्रवाई, जिसमें उन देशों में भारतीय राजनयिकों और दूतावासों के खिलाफ हिंसा भड़काने की उनकी भूमिका शामिल है, पर चिंता जताई है।