महिलाओं पर कहर बन टूट रहे इस्लामिक कट्टरपंथी! दो महीने में 85 महिलाओं का रेप

महिलाओं पर कहर बन टूट रहे इस्लामिक कट्टरपंथी! दो महीने में 85 महिलाओं का रेप
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बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बढ़ते आंकड़े, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत देश की विकट स्थिति को उजागर कर रहे हैं। जबकि पूरी दुनिया 8 मार्च 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है, बांग्लादेश के हालात चिंता का विषय बने हुए हैं। बांग्लादेश महिला परिषद की अध्यक्ष फौजिया मोस्लेम ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, "समाज अराजकता की ओर बढ़ रहा है। कानून प्रवर्तन की नाकामी और जवाबदेही की कमी अपराधियों को और भी शक्तिशाली बना रही है।"

महिलाओं के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है। फौजिया मोस्लेम ने यह भी कहा, "अगर समाज का हर वर्ग जागरूक नहीं हुआ तो इस संकट का समाधान मुश्किल होगा। अब न्याय की जगह केवल बातचीत ही हो रही है, जिससे महिलाओं के अधिकारों का विरोध करने वाले और व्यवस्था का शोषण करने वाले अपराधियों को और बल मिल रहा है।" 

बांग्लादेश में कानून व्यवस्था का संकट पिछले अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद और गहरा गया है, और इस दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी भारी वृद्धि देखी गई है। ढाका स्थित मानवाधिकार सांस्कृतिक फाउंडेशन (एमएसएफ) की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा की 295 घटनाएं दर्ज की गईं, जो जनवरी की तुलना में 24 अधिक हैं। 

इस्लामी कट्टरपंथी समूह, आतंकवादी और अन्य चरमपंथी तत्व इन घटनाओं में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, जिससे महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। कई महिलाओं ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उन्हें पिछले तीन महीनों में घर से बाहर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, और वे डरती हैं कि विरोध करने पर भीड़ का शिकार न हो जाएं। 

फरवरी 2025 में ढाका स्थित मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलीश केंद्र के अनुसार, देश में दो महीने के भीतर 85 महिलाएं बलात्कार की शिकार हुईं, जिनमें से अधिकांश 22 वर्ष से कम उम्र की थीं। यह संख्या जनवरी 2025 में 39 थी, जिसमें 15 नाबालिग लड़कियां शामिल थीं। हाल के महीनों में बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों में भी तेज़ी देखी गई है, और गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग उठ रही है, जिन्हें कई लोग देश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार मानते हैं।