अमेरिकी संसद में छह भारतीय-अमेरिकियों का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण
बीता शुक्रवार भारतीय अमेरिकियों के लिए ऐतिहासिक था, जब छह भारतवंशी नेताओं ने अमेरिकी संसद के सदस्य के रूप में शपथ ली। यह पहला मौका था जब अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में एक साथ छह भारतीय-अमेरिकियों ने शपथ ली। इन नेताओं में सुहास सुब्रमण्यम, अमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और श्री थानेदार शामिल थे।
इस अवसर पर, सांसद सुहास सुब्रमण्यम ने भगवद् गीता पर शपथ ली, जिससे वह ऐसा करने वाले संभवतः एकमात्र सांसद बन गए। उनके साथ उनकी मां भी इस खास पल को देखने के लिए मौजूद थीं, जो डलास हवाईअड्डे के माध्यम से अमेरिका आई थीं। इसी शपथ ग्रहण के दौरान, सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने एक कार्यक्रम में भगवद् गीता का एक अंश पढ़ा, जो 119वीं सदन के पहले दिन की शुरुआत में हुआ था।
अमेरिकी संसद में हिंदू प्रतिनिधित्व का इतिहास
डॉ. अमी बेरा, जो 2013 से कैलिफोर्निया के सातवें संसदीय जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, सबसे सीनियर भारतीय अमेरिकी सांसद हैं। वहीं, सुहास सुब्रमण्यम, जो अमेरिका के पूर्वी तट पर बसे राज्यों से अमेरिकी संसद में पहुंचे पहले भारतवंशी सांसद हैं, ने इस शपथ ग्रहण के बाद कहा, "मेरे माता-पिता ने मुझे वर्जीनिया से पहले भारतीय अमेरिकी और दक्षिण एशियाई सांसद के रूप में शपथ लेते हुए देखा। यह मेरी मां के लिए विश्वास करना कठिन होता, लेकिन आज वह देख रही हैं कि मैं वर्जीनिया का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।"
हिंदू धर्म का सम्मान
राजा कृष्णमूर्ति, जो 2017 से इलिनॉयस के 8वें जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने इस ऐतिहासिक पल को अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया। उन्होंने लिखा, "हमारी समुदायों की सेवा करना एक जीवनभर का सम्मान है और मुझे आभारी हूं कि मुझे इस अवसर को हासिल हुआ है।" उन्होंने यह भी कहा कि कुछ साल पहले हिंदू अमेरिकियों को प्रार्थना सेवाओं में शामिल नहीं किया जाता था, लेकिन अब हमें अपने धर्म के आशीर्वादों को साझा करने का मौका मिल रहा है, चाहे वे रिपब्लिकन हों या डेमोक्रेट।
अमेरिकी संसद में भारतीय-अमेरिकियों का बढ़ता प्रभाव
यह शपथ ग्रहण भारत और भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण है, और यह दर्शाता है कि भारतीय-अमेरिकियों की आवाज़ अमेरिकी राजनीति में अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो चुकी है।