ट्रंप का महत्वपूर्ण आदेश , जन्म से नागरिकता देने का अधिकार खत्म

ट्रंप का  महत्वपूर्ण आदेश , जन्म से नागरिकता देने का अधिकार  खत्म
POTUS

डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। शपथग्रहण के तुरंत बाद, उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ही दिन 80 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से कई पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा बनाए गए नियमों को समाप्त करने के लिए थे। इनमें कुछ आदेश अमेरिका को वैश्विक संगठनों से बाहर करने और अमेरिका में विभिन्न प्रणालियों को बदलने से संबंधित थे।

आमतौर पर राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए कार्यकारी आदेश अमेरिकी कानून और संविधान के तहत माने जाते हैं, लेकिन अगर ये आदेश संविधान के खिलाफ हैं, तो उनके खिलाफ न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। इसके अलावा, यदि संसद चाहे तो इन आदेशों को खत्म करने के लिए एक कानून बना सकती है, लेकिन राष्ट्रपति इस कानून को वीटो कर सकते हैं।

ट्रंप के पहले दिन के अहम कार्यकारी आदेश

शपथग्रहण के बाद अपने भाषण में, डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इसी कड़ी में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से कुछ प्रमुख आदेश निम्नलिखित हैं:

  1. जन्म से नागरिकता का अधिकार खत्म करना

    ट्रंप का एक महत्वपूर्ण आदेश था, जन्म से नागरिकता देने के अधिकार को खत्म करना। इसके तहत, अवैध शरणार्थियों के बच्चों को अमेरिका में जन्म लेने के बावजूद नागरिकता नहीं मिलेगी। इसके लिए बच्चों के माता-पिता में से कम से कम एक का अमेरिकी नागरिक या स्थायी निवासी होना अनिवार्य होगा। इस आदेश के बाद, ट्रंप ने कहा कि यदि किसी बच्चे की मां अवैध तरीके से अमेरिका में थी और पिता के पास अमेरिकी नागरिकता या स्थायी निवास की अनुमति नहीं थी, तो उस बच्चे को अमेरिकी नागरिकता नहीं दी जाएगी। इससे पहले, अमेरिकी धरती पर जन्मे सभी बच्चों को जन्म से नागरिकता का अधिकार मिलता था, जो अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत था। अब इसे बदलने के लिए ट्रंप के कार्यकारी आदेश को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।

  2. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को छोड़ना

    ट्रंप ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमेरिका को धोखा दिया है, खासकर कोरोनावायरस महामारी के दौरान। उन्होंने डब्ल्यूएचओ पर महामारी और अन्य स्वास्थ्य संकटों को ठीक से संभालने में नाकामी का आरोप लगाते हुए अमेरिका को इससे बाहर करने का आदेश जारी किया।

  3. मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलना

    ट्रंप ने एक और कार्यकारी आदेश में मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलने का निर्णय लिया। उन्होंने इसे 'अमेरिका की खाड़ी' नाम देने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने अलास्का के माउंट डेनाली का नाम बदलकर माउंट मैकिनली रखने की योजना बनाई। ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति विलियम मैकिनली ने टैरिफ और प्रतिभा के माध्यम से अमेरिका को समृद्ध किया, इस कारण उन्होंने इस नामकरण का निर्णय लिया।

  4. लिंग पहचान से जुड़ा आदेश

    ट्रंप ने एक और महत्वपूर्ण आदेश जारी किया, जिसमें अमेरिका में केवल दो लिंगों—पुरुष और महिला—की पहचान को मान्यता दी गई। इसके तहत, अमेरिकी सरकार अब यह नहीं मानेगी कि कोई व्यक्ति जन्म से पुरुष है और पहचान महिला के रूप में करता है, या जन्म से महिला है और पहचान पुरुष के रूप में करता है। इस आदेश के माध्यम से ट्रंप ने बाइडन सरकार द्वारा जारी किए गए उस आदेश को पलट दिया, जिसमें लोगों को अपनी लैंगिक पहचान चुनने का अधिकार दिया गया था।

ट्रंप ने इस आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा, "जब तक चीन खुले तौर पर प्रदूषण कर रहा है, तब तक अमेरिका अपने उद्योगों को बर्बाद नहीं करेगा और ई-वाहनों के माध्यम से प्रदूषण कम करने का प्रयास करेगा।"

निष्कर्ष

ट्रंप के कार्यकारी आदेशों से यह स्पष्ट हो गया है कि उनके प्रशासन का उद्देश्य अमेरिका को वैश्विक संगठनों से अलग करना, जन्म से नागरिकता के अधिकार को खत्म करना, और केवल दो लिंगों की पहचान को मान्यता देना है। हालांकि, इन आदेशों के खिलाफ न्यायालय में सुनवाई हो सकती है और संसद भी इन्हें रद्द करने का प्रयास कर सकती है। इन कार्यकारी आदेशों के प्रभाव को देखने के लिए भविष्य में महत्वपूर्ण कानूनी लड़ाइयां हो सकती हैं।