पाकिस्तान चुनाव 2024: अधिकारी ने अपनी निगरानी में धांधली स्वीकार की, इस्तीफा दिया
आम चुनाव जनादेश के बाद पाकिस्तान में संघीय सरकार के गठन में गतिरोध के बीच, रावलपिंडी डिवीजन के आयुक्त लियाकत अली चट्टा ने चुनावी अनियमितताओं, विशेष रूप से धांधली के विरोध में शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक कमिश्नर ने रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि उन्होंने रावलपिंडी डिवीजन के लोगों के साथ अन्याय किया है।
उन्होंने स्वीकार किया कि रावलपिंडी डिवीजन में "धांधली" हुई और इसकी जिम्मेदारी ली।
उन्होंने दावा किया, ''हमने हारे हुए लोगों को 50,000 वोटों के अंतर से विजेता बना दिया।”और खुद को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
उन्होंने कहा, ''मैं अपने डिवीजन के रिटर्निंग अधिकारियों से माफी मांगता हूं।'' उन्होंने कहा कि उनके अधीनस्थ इस बात को लेकर रो रहे थे कि उन्हें क्या करने का निर्देश दिया गया था।
चट्टा ने दावा किया कि आज भी चुनाव कर्मचारी मतपत्रों पर फर्जी मोहर लगा रहे हैं।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, "हमने देश के साथ अन्याय किया...मुझे रावलपिंडी के कचेहरी चौक पर फांसी दे दी जानी चाहिए।"
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस बात पर जोर देते हुए कि वह सोशल मीडिया और विदेशी पाकिस्तानियों के दबाव में थे, अधिकारी ने खुलासा किया कि उन्होंने आज सुबह आत्महत्या का भी प्रयास किया।
इस बीच पंजाब सरकार ने वरिष्ठ अधिकारी के धांधली के आरोप को खारिज कर दिया है।
कार्यवाहक सूचना मंत्री अमीर मीर ने कहा कि यह न तो कोई रहस्योद्घाटन है और न ही अपराध की स्वीकारोक्ति, यह चुनाव की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने का दावा और आरोप है।
उन्होंने कहा कि वह चट्टा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।
मीर ने कहा कि आत्महत्या की बात करने वाला व्यक्ति मनोरोगी ही हो सकता है, उन्होंने बताया कि चट्टा 13 मार्च को रिटायर हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, "अपने रिटायरमेंट से कुछ हफ्ते पहले वह राजनीतिक स्टंट कर रहे हैं। मुझे लगता है कि वह राजनीतिक करियर बनाना चाहते हैं।"
चट्टा द्वारा चुनाव के दिन उनके अधीन काम करने वाले लोगों के रोने के दावों के बारे में पूछे जाने पर मीर ने कहा कि मीडिया ने किसी को रोते हुए नहीं देखा।