मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया

मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया
Maha Kumbh devotees

  भगदड़ की त्रासदी और 30 लोगों की मृत्यु के बाद हालात संभल चुके हैं।  श्रद्धालु अब सावधानी से स्नान क्षेत्र में धार्मिक कार्य कर रहे हैं। 

इस बीच मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है। इस दिन श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त किया।  कुल 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। इनमें 10 लाख कल्पवासी और श्रद्धालु शामिल थे।  29 जनवरी तक महाकुंभ में 27 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। 

मौनी अमावस्या के अवसर पर विभिन्न अखाड़ों ने भी अमृत स्नान किया। बुधवार शाम तक सभी अखाड़ों का स्नान सम्पन्न हो गया था, हालांकि मंगलवार रात संगम क्षेत्र में भगदड़ की घटना के कारण अखाड़ों का स्नान कुछ समय के लिए टल गया था। भीड़ नियंत्रित होने के बाद स्नान की प्रक्रिया फिर से दोपहर में शुरू हुई। सन्यासी अखाड़ों ने सबसे पहले अमृत स्नान किया, जिसमें महानिर्वाणी, अटल, निरंजनी, आनंद, जूना, आवाहन और पंच अग्नि अखाड़ों के साधु संत शामिल थे। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेला प्रशासन को निर्देश दिए कि महाकुंभ मेला क्षेत्र और प्रयागराज के बाहर जाने वाले मार्गों पर ट्रैफिक बिना किसी रुकावट के चले। उन्होंने कहा कि हर श्रद्धालु को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रयागराज के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भीड़ न हो, और इसके लिए अतिरिक्त मेला स्पेशल ट्रेन और परिवहन निगम की बसें चलाई जाएं।

मेला प्रशासन के अनुसार,  29 जनवरी को अमृत स्नान सकुशल संपन्न हुआ। शासन ने यह सख्त निर्देश दिए थे कि मौनी अमावस्या के दिन कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा, और भविष्य में होने वाले मुख्य स्नान पर्वों पर भी कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं लागू किया जाएगा। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि अब प्राथमिकता यह है कि जितने श्रद्धालु महाकुंभ में आए हैं, उन्हें सुरक्षित स्नान कराकर वापस भेजा जाए। 

अमृत स्नान के लिए संत और नागा त्रिवेणी संगम की ओर रथों और वाहनों पर सवार होकर जाते हुए क्षण का विडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें : Courtesy ANI