क्या इस हफ्ते भी गोते लगाएगा शेयर बाज़ार ? टैरिफ वॉर के साइड इफ़ेक्ट

क्या इस हफ्ते भी गोते लगाएगा शेयर बाज़ार ? टैरिफ वॉर के साइड इफ़ेक्ट
Bull and Bear: Representational image

क्या अगले सप्ताह शेयर बाजार में टैरिफ वॉर के कारण सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट जारी रहेगी? पिछले पूरे सप्ताह ही नहीं, बल्कि 4 फरवरी से शेयर बाजार में जो लगातार आठ सत्रों में सेंसेक्स-निफ्टी में नुकसान हुआ है, वह अब भी जारी है। रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में की गई रेपो दर में कटौती और उससे पहले बजट में कर-संवेदनशील प्रावधानों के बावजूद बाजार में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। खास बात यह है कि पिछले तीन सत्रों में जो अच्छा लाभ हुआ था, उसे बाजार ने बनाए रखने में विफलता पाई और अंत में यह देखने को मिला कि बाजार बंद होने के समय वह नकारात्मक मोड़ पर पहुंच गया। वैलेंटाइन सप्ताह ने निवेशकों के लिए एक निराशाजनक सप्ताह साबित किया। 10 से 14 फरवरी के बीच सेंसेक्स 1,921 अंक (2.64%), और निफ्टी 630 अंक (2.70%) गिरा।

बाजार में यह गिरावट और कितनी देर जारी रहेगी?  क्या बाजार मंदी में चला जाएगा? और फिर क्या बाजार सुधरकर तेजी में कब वापस लौटेगा? निवेशकों के सामने कई सवाल हैं।

आगामी 17 फरवरी से 21 फरवरी तक पांच महत्वपूर्ण घटनाएँ:

  1. कंपनियों की तिमाही प्रदर्शन रिपोर्ट आर्थिक वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर 2024) का यह आखिरी रिपोर्टिंग हफ्ता होगा। इस सप्ताह सोमवार (17 फरवरी) को एबीबी, पोद्दार हाउसिंग के परिणाम आएंगे, वहीं बुधवार (19 फरवरी) को गणेश इन्फ्रा और सप्ताह के अंत में सीआईई ऑटोमोबाइल्स और सुप्रीम फैसिलिटी के परिणाम घोषित किए जाएंगे। कंपनियों का प्रदर्शन मिश्रित और निराशाजनक रहने का प्रभाव पिछले महीने से बाजार पर देखा गया है। इसके बाद तिमाही परिणाम समाप्त होने से बाजार पर एक नकारात्मक तत्व खत्म होगा, जो कि एक स्वागतयोग्य स्थिति होगी।

  2. लाभांश से धनलाभ: आगामी सप्ताह में विभिन्न 40 कंपनियों का लाभांश शेयरहोल्डर्स के खातों में जमा होगा। शुरुआत में दालमिया भारत का 225% लाभांश और फिर 18 फरवरी को हिंदुस्थान एरोनॉटिक्स का 500% लाभांश, 20 फरवरी को पी एंड जी हाइजीन का 1100% लाभांश, 21 फरवरी को बॉम्बे बर्मा का 650%, पी एंड जी हेल्थ का 800%, और इंडिया निप्पॉन इलेक्ट्रिक का 250% लाभांश शामिल है।

  3. अमेरिका का टैरिफ वॉर: अमेरिका द्वारा आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाने के मुद्दे पर भारत सहित सभी देशों पर अमेरिका द्वारा उसी नीति को लागू करने की बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी दोहराई। शुक्रवार को ट्रम्प-मोदी की बैठक के बाद यह मामला बाजार के लिए नकारात्मक साबित हुआ। हालांकि, इस बैठक में द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 बिलियन डॉलर तक  करने और राष्ट्रीय सुरक्षा व रोजगार निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का संकल्प भी आश्वस्त करने वाला था।

  4. गिरावट से स्थिरता की ओर: अंतिम कुछ दिनों में ट्रम्प के आर्थिक नीतियों में आक्रामकता, कंपनियों की निराशाजनक तिमाही रिपोर्ट और विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली ने शेयर बाजार पर दबाव बढ़ाया। स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों की कीमतों में इतनी गिरावट आई है कि वे मंदी की स्थिति में पहुंच गए हैं। इस गिरावट को बाजार के मूल्यांकन को उचित स्तर पर आने का संकेत माना जा सकता है। लार्ज कैप शेयरों का मूल्यांकन पहले से ही सही स्तर पर था, और निवेशकों के लिए यह बाजार में फिर से खरीदारी करने का अवसर हो सकता है।

  5. भारत का उत्पादन पीएमआई: भारत के विनिर्माण क्षेत्र की सक्रियता का मापने वाला 'एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई' जनवरी 2025 में 57.7 अंक पर दर्ज किया गया। यह पिछले छह महीनों का सबसे तेज विस्तार था। जनवरी में नए ऑर्डर में सबसे तेज वृद्धि देखी गई, साथ ही निर्यात में भी 14 सालों में सबसे बड़ी मासिक वृद्धि हुई। फरवरी में कार्यकलापों में बढ़ोतरी के नए आंकड़े 21 फरवरी को सुबह घोषित होने की उम्मीद है, जो बाजार के लिए उत्साहवर्धक साबित होंगे।