गिग वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम पर जल्द ही कैबिनेट की मुहर

भारत सरकार गिग वर्कर्स के लिए एक सोशल सिक्योरिटी स्कीम पर काम कर रही है, जो जल्द ही कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। अगर यह योजना लागू होती है, तो यह देश में बढ़ते गिग वर्कफोर्स को एक सुरक्षित भविष्य प्रदान करने में मददगार साबित होगी।
प्लेटफॉर्म से कंट्रीब्यूशन लिया जाएगा
श्रम मंत्रालय, गिग वर्कर्स एसोसिएशन, ऑनलाइन एग्रीगेटर्स और राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस योजना पर काम कर रहा है। इस योजना के तहत गिग वर्कर्स की दैनिक कमाई के आधार पर हर प्लेटफॉर्म से 1-2 प्रतिशत का कंट्रीब्यूशन लिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बजट में की थी घोषणा
2025 के बजट में वित्त मंत्री ने इस योजना का उल्लेख करते हुए बताया था कि हर गिग वर्कर को श्रम मंत्रालय के ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर किया जाएगा और उन्हें एक 12 अंकों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) मिलेगा, जिसके जरिए उनकी पहचान की जाएगी। इस नंबर के आधार पर काम करने वाले प्लेटफॉर्म से उनका कंट्रीब्यूशन लिया जाएगा, और उन्हें भविष्य निधि और पेंशन का लाभ मिलेगा। हालांकि, अभी यह तय नहीं किया गया है कि प्लेटफॉर्म से कितना अंशदान लिया जाएगा, लेकिन यह अनुमानित रूप से 1 से 2 प्रतिशत हो सकता है।
गिग वर्कर्स की बढ़ती संख्या
गिग वर्कर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। नीति आयोग ने अनुमान लगाया था कि 2020-21 में भारत में लगभग 7.7 मिलियन गिग वर्कर्स थे, जो अब बढ़कर 10 मिलियन से अधिक हो चुके हैं। इस योजना से उन्हें उम्मीद है कि उन्हें सामाजिक सुरक्षा की सुविधा मिल सकेगी, क्योंकि वे न तो नियमित वेतन प्राप्त करते हैं और न ही किसी प्रकार के भत्ते का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा, बजट में सरकार ने गिग वर्कर्स को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत स्वास्थ्य बीमा कवर देने की भी घोषणा की है।
यह योजना गिग वर्कर्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जो उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगी।