एपल पर 815 करोड़ का जुर्माना
दुनिया की दिग्गज तकनीकी कंपनी एपल ने सीरी जासूसी मामले को लेकर 9.5 करोड़ डॉलर (करीब 815 करोड़ रुपये) के भुगतान पर सहमति जताई है। एपल उस मुकदमे का निपटारा करना चाहती है जिसमें आईफोन और अन्य ट्रेंडी डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले लोगों की जासूसी करने के लिए अपने वर्चुअल असिस्टेंट सीरी को तैनात करने का आरोप लगा। कैलिफोर्निया व ओकलैंड की संघीय अदालत में दायर प्रस्तावित समझौता 5 वर्ष पुराने मुकदमे का समाधान करेगा।
आरोप है कि एपल ने एक दशक से अधिक समय तक आईफोन और वर्चुअल असिस्टेंट से लैस अन्य डिवाइस के माध्यम से बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए गुप्त तौर पर सीरी को सक्रिय किया। मुकदमे में दावा किया गया कि रिकॉर्ड की गई कुछ बातचीत को विज्ञापनदाताओं के साथ साझा किया गया ताकि वे अपने उत्पादों को उन उपभोक्ताओं को बेच सकें, जिनकी वस्तुओं और सेवाओं में अधिक रुचि होने की संभावना है। वहीं, एपल इस समझौते में किसी भी तरह की गलती को स्वीकार नहीं कर रहा है। मामले में वकीलों ने शर्तों की समीक्षा के लिए 14 फरवरी को ओकलैंड में अदालती सुनवाई का समय निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया है।
यदि समझौते को मंजूरी मिलती है, तो 17 सितंबर, 2014 से पिछले साल के अंत तक आईफोन व अन्य एपल डिवाइस रखने वाले उपभोक्ता मुआवजे के दावे कर सकते हैं। प्रत्येक उपभोक्ता को समझौते के तहत प्रत्येक सीरी डिवाइस के लिए 20 डॉलर तक मिल सकते हैं। हालांकि दावों की मात्रा के आधार पर भुगतान कम या अधिक किया जा सकता है।
भुगतान के लिए 9.5 करोड़ डॉलर का फंड तैयार किया गया है। एपल को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसने उपयोगकर्ताओं की अनजाने में रिकॉर्ड की गई बातचीत को हटा दिया है। कंपनी को यह भी स्पष्ट करना होगा कि सीरी द्वारा वॉइस डाटा कैसे उपयोग किया जाएगा।
यह समझौता सितंबर 2014 से एपल द्वारा अर्जित 705 अरब डॉलर के मुनाफे का एक छोटा हिस्सा है। यदि कंपनी वायरटैपिंग और अन्य गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन करती पाई जाती है और मामला सुनवाई के लिए जाता है तो इसका भुगतान भी एपल को करना पड़ सकता है।