सरकारी App Suite: Google और Apple ने किया विरोध

सरकारी  App Suite: Google और Apple ने किया विरोध
APP Suite; सांकेतिक तस्वीर

भारत सरकार जल्द ही देशवासियों के लिए एक नई सुविधा लाने की तैयारी में है, जो सरकारी सेवाओं और योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने के तरीके को और भी सरल बना देगी। अब नागरिकों को विभिन्न सरकारी ऐप्स डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने अपनी सभी सरकारी ऐप्स को एक ही App Suite  में समाहित करने की योजना बनाई है, जिससे लोग आसानी से सभी सेवाओं का लाभ उठा सकें। 

इस संदर्भ में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने गूगल और ऐपल को पत्र लिखकर उनसे इस ऐप सुइट को उनके प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों से इसे उनके उपकरणों पर प्री-इंस्टॉल करने का भी अनुरोध किया गया है। 

सरकार का उद्देश्य यह है कि सभी सरकारी सेवाएं और जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध हो, जिससे नागरिकों को एक बेहतर अनुभव मिल सके। इस सुइट के जरिए नागरिक न केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे, बल्कि उन्हें सेवाओं का उपयोग भी बिना किसी परेशानी के हो सकेगा। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है, जिससे सरकार की सेवाएं अधिक लोगों तक तेज़ी से और आसानी से पहुंच सकेंगी।

हालांकि, गूगल और ऐपल इस पहल के प्रति उत्साहित नहीं दिख रहे हैं। इन कंपनियों का कहना है कि उनके प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद ऐप्स से उन्हें न केवल नियंत्रण मिलता है, बल्कि उनका रेवेन्यू भी जुड़ा होता है। यदि सरकारी ऐप्स को इन प्लेटफॉर्म्स पर प्री-इंस्टॉल किया जाता है या आसानी से उपलब्ध कराया जाता है, तो इसका असर उनके राजस्व और नियंत्रण पर पड़ सकता है। 

इस स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने संकेत दिया है कि अगर गूगल और ऐपल सरकार के अनुरोध का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने डिजिटल प्लेटफार्म्स पर सख्त रुख अपनाया है। 2020 में टिकटॉक और अन्य चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि राष्ट्रीय हित और नागरिकों की सुविधा उसकी प्राथमिकता है।