कैशियर, टिकट क्लर्क जैसे पदों पर AI से मंडराता खतरा

कैशियर, टिकट क्लर्क  जैसे पदों पर AI से मंडराता खतरा
Future of Banking

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दायरा दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है, और इसके कारण कई उद्योगों में बदलाव आ रहा है। AI के द्वारा इंसान के काम को आसान बनाने के साथ-साथ उसे और बेहतर बनाने की क्षमता भी है। हालांकि, इस तकनीक के बढ़ते प्रभाव के कारण यह सवाल उठ रहा है कि इसका किस प्रकार लोगों की नौकरियों पर असर पड़ेगा। हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि 2030 तक AI का जॉब मार्केट पर बड़ा असर हो सकता है।

WEF की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2025 तक AI का प्रभाव 22 प्रतिशत नौकरियों पर पड़ेगा। कुछ नौकरियां तो पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी, लेकिन साथ ही नई नौकरियों के अवसर भी उत्पन्न होंगे। रिपोर्ट के अनुसार, AI के कारण 78 मिलियन नई नौकरियां सृजित हो सकती हैं, जिससे कुल मिलाकर 170 मिलियन नई पोस्ट्स क्रिएट होंगी और जॉब मार्केट में संतुलन बनेगा।

हालांकि, कुछ विशेष नौकरियां खतरे में हैं, जैसे कि कैशियर, टिकट क्लर्क, और प्रशासनिक सहायक जैसी पदों पर। ये नौकरियां मैनुअल टास्क और नियमित गतिविधियों पर आधारित होती हैं, जिन्हें AI, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (RPA), और सेल्फ-सर्विस सिस्टम के द्वारा आसानी से बदला जा सकता है। इसके अलावा, पोस्टल क्लर्क, बैंक टेलर, और डेटा एंट्री ऑपरेटर जैसे पद भी कम हो सकते हैं।

लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां इंसान की बुद्धिमत्ता और देखरेख की आवश्यकता होती है। जैसे डिलीवरी सर्विस, कंस्ट्रक्शन, फार्मिंग, और फूड प्रॉसेसिंग जैसे क्षेत्र हैं, जहां AI की मदद से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। इस तरह के कार्यों में क्रिएटिविटी, समस्या समाधान, और मानवीय गुणों की आवश्यकता होती है, जो मशीनें नहीं कर सकतीं। 

इसलिए, कुछ क्षेत्रों में AI के कारण नौकरियों की संख्या कम हो सकती है, लेकिन साथ ही यह नई संभावनाओं और अवसरों को भी जन्म देगा।