चुनाव प्रचार में एआई का जिम्मेदारी से करें उपयोग : चुनाव आयोग की सलाह

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग को लेकर जिम्मेदारी और पारदर्शिता बनाए रखने की सलाह दी है। आयोग ने जारी की गई एडवाइजरी में कहा है कि अगर कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार एआई के माध्यम से फोटो, वीडियो या अन्य सामग्री का इस्तेमाल करता है, तो उसका स्रोत स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए।
आयोग ने यह भी कहा कि अगर राजनीतिक दल किसी विज्ञापन या प्रचार सामग्री में सिंथेटिक कंटेंट का उपयोग करते हैं, तो उन्हें इसका अस्वीकरण (disclaimer) देना होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावों में एआई के गलत उपयोग को लेकर अपनी चिंता पहले ही व्यक्त की थी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को गलत सूचना फैलाने के प्रयासों के खिलाफ सतर्क रहना होगा और उन्हें तुरंत रोकने के लिए कार्रवाई करनी होगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हाल ही में डीपफेक (deepfake) और भ्रामक संदेश फैलाने के मामले सामने आए हैं। पुलिस ने आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की एआई-जनरेटेड तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने के आरोप में पांच एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से एक वीडियो में एआई-डीपफेक तकनीक का उपयोग करते हुए भाजपा नेताओं को 90 के दशक की बॉलीवुड फिल्म के दृश्य में चित्रित किया गया था। चुनाव आयोग का मानना है कि इस प्रकार के डीपफेक वीडियो चुनावी प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं और चुनाव कानूनों का उल्लंघन करते हैं।
इसलिए आयोग ने स्पष्ट किया है कि एआई का इस्तेमाल करते समय सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को पारदर्शिता और जिम्मेदारी से काम करना चाहिए, ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या गलतफहमी का प्रसार न हो।