"राहुल गांधी के 'भक्त-चेलों' ने RSS दफ्तर जाने पर पिता जी को 'संघी' कहा"

"राहुल गांधी के 'भक्त-चेलों' ने RSS दफ्तर जाने पर पिता जी को 'संघी' कहा"
File Photo of Pranab Mukherjee with his daughter Sharmistha

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थकों पर निशाना साधा है। साथ ही,उन्होंने अपने भाई अभिजीत मुखर्जी पर भी पलटवार किया। यह सब कुछ उनके पिता के निधन के बाद CWC की बैठक न बुलाए जाने के उनके आरोप के कुछ दिन बाद हुआ। शर्मिष्ठा ने राहुल गांधी के समर्थकों को भक्त-चेला कहकर संबोधित किया है। उनका कहना है कि इन भक्त-चेलों ने प्रणब मुखर्जी के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय वाले दौरे के लिए उन्हें संघी कहा था। शर्मिष्ठा ने इसके साथ उन्हें 2018 में संसद में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने की घटना भी याद दिलाई।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोमवार को X पर पोस्ट किया कि राहुल के भक्त-चेले जो मेरे पिता को RSS जाने के लिए ‘संघी’ कहते हैं, मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वे अपने नेता से सवाल करें कि उन्होंने संसद में नरेंद्र मोदी को गले क्यों लगाया,जिन्हें उनकी मां ‘मौत का सौदागर’ कहती थीं? उनके तर्क से तो राहुल को उनका साथी माना जाना चाहिए। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी को इन मूर्खों और चापलूसों के साथ कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए शुभकामनाएं! अब आओ और मुझ पर अपने ‘नफरत के दुकानदार’ छोड़ दो। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता! प्रणब मुखर्जी की बेटी ने अपने भाई अभिजीत मुखर्जी पर भी निशाना साधा। अभिजीत ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मृत्यु पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।

अपनी बहन के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुएअभिजीत मुखर्जी ने कहा कि 2020 में प्रणब मुखर्जी के निधन के दौरान कोविड-19 के प्रतिबंध लागू थे। प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की आयु में कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद निधन हो गया था। अभिजीत मुखर्जी ने कांग्रेस का बचाव करते हुए कहा कि जब मेरे पिता का निधन हुआ,तब कोविड-19 का समय था। कई प्रतिबंध थे,जिस कारण लोग इकट्ठा नहीं हो सके। यहां तक कि तत्कालीन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रशासन ने परिवार के सदस्यों को भी आने की अनुमति नहीं दी थी। केवल 20 परिवार और दोस्त ही वहां मौजूद थे।