भारतीय रक्षा प्रणाली की ताकत में उत्तरोत्तर वृद्धि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों का उद्घाटन किया, जो भारतीय रक्षा प्रणाली की मजबूती और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय नौसेना के  रणनीतिक महत्व और देश की सुरक्षा में इसके योगदान की सराहना की। भारत, जो पहले रक्षा उपकरणों के लिए दूसरों पर निर्भर था, अब अपनी क्षमता को साबित करने में सक्षम हो चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह उद्घाटन भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इन युद्धपोतों और पनडुब्बियों का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जो यह स्पष्ट करता है कि भारत अब अपने सैन्य उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर हो चुका है। 'आयएनएस सूरत', 'आयएनएस निलगिरी' और 'आयएनएस वाघशीर' जैसे युद्धपोत भारतीय सेना की ताकत को और मजबूत करेंगे। ये युद्धपोत न केवल भारतीय तटों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन भी करेंगे।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना के जवानों की भूमिका को भी अहम बताया और कहा कि यह सफलता सिर्फ रक्षा मंत्रालय की नहीं, बल्कि हमारे सैनिकों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है। यह भारतीय रक्षा प्रणाली में निरंतर सुधार और निवेश का संकेत है, जो भविष्य में भारत को एक सशक्त और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।

यह उद्घाटन भारतीय रक्षा क्षेत्र की ताकत और संकल्प का प्रतीक है, जो आने वाले समय में देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।