बजट: गरीबी उन्मूलन, मध्यवर्ग को राहत और बेरोजगारी से मुक्ति की उम्मीद
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को प्रस्तुत होने वाला बजट, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इस बजट से उम्मीदें बहुत अधिक हैं, खासकर उन वर्गों के लिए जिनकी हालात कोविड-19 महामारी के बाद और भी कठिन हो गई हैं।
सबसे पहले, सरकार को गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भारत में आज भी लाखों लोग गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सशक्त योजनाओं, जैसे कि कृषि क्षेत्र में निवेश, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शिक्षा के अवसरों में विस्तार की आवश्यकता है। इससे न केवल गरीबों को राहत मिलेगी, बल्कि वे अपनी स्थिति सुधारने में सक्षम होंगे।
मध्यवर्ग को राहत देने के लिए भी यह बजट एक सुनहरा अवसर है। उच्च कर दरें और महंगाई ने इस वर्ग की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। वित्त मंत्री से उम्मीद है कि वे आयकर में छूट को बढ़ावा देंगी और मध्यवर्गीय परिवारों के लिए सरकारी योजनाओं में सुधार करेंगी, ताकि उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके और वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
साथ ही, बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए सरकार को रोजगार सृजन पर भी विशेष ध्यान देना होगा। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए कौशल विकास, स्टार्टअप्स और औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
इस बजट से उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उन सभी पहलुओं पर ध्यान देंगी, जिनसे भारतीय जनता की उम्मीदें जुड़ी हैं और यह बजट एक समृद्ध, सशक्त और समावेशी भारत की दिशा में एक कदम साबित होगा।