भारत और अमेरिका के 'मिशन 500' की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान भारत को कई फायदेमंद उपलब्धियां हासिल हुईं। इनमें से अब सबसे अधिक चर्चा में आने वाली बात है भारत और अमेरिका का 'मिशन 500'। भारत और अमेरिका ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए 'मिशन 500' की घोषणा की है। इसका भारत पर बड़ा असर होने वाला है और आने वाले पांच वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को इस योजना से बड़ा लाभ होने की उम्मीद जताई जा रही है।
व्हाइट हाउस में हुई मोदी और ट्रंप के बीच महत्वपूर्ण बैठक में F-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री के साथ भारत के साथ अगले 10 वर्षों तक रक्षा साझेदारी पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को सुधारने का आश्वासन दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ जारी संयुक्त बयान में कहा कि, इस साल से हम भारत को सैन्य बिक्री में कई अरब डॉलर बढ़ाएंगे।
भारत-अमेरिका का 'मिशन 500' क्या है?
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मिशन 500 के तहत भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
दोनों नेताओं ने अपने नागरिकों को अधिक समृद्ध, देश को मजबूत, अर्थव्यवस्था को अधिक नवोन्मेषी और आपूर्ति श्रृंखला को अधिक लचीला बनाने के लिए व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने का वचन दिया है। उन्होंने निष्पक्षता, राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजगार सृजन सुनिश्चित करने वाली वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों को मजबूत करने का वचन दिया।
भारत समृद्ध कैसे होगा?
भारत-यूएस मिशन 500 के महत्वाकांक्षी उद्देश्य की पूर्ति के लिए नए, उचित व्यापार शर्तों की आवश्यकता को पहचानते हुए, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने 2025 तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पहले चरण पर बातचीत शुरू करने की योजना की घोषणा की।
दोनों नेताओं ने चर्चा के लिए वरिष्ठ प्रतिनिधियों की नियुक्ति करने का वचन दिया, जो द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के 'कॉम्पैक्ट' के आकांक्षाओं को पूरी तरह से प्रतिबिंबित करेंगे।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान यह भी घोषित किया गया कि, 'कॉम्पैक्ट' (कैटालिटिक अपॉर्च्युनिटीज फॉर मिलिटरी पार्टनरशिप, एक्सेलेरेटेड कॉमर्स एंड टेक्नोलॉजी) एक नया उपक्रम है जो देशों के बीच 'सहकार के प्रमुख स्तंभों में परिवर्तनात्मक बदलाव' लाएगा।