10 मिनट डिलीवरी ऐप्स को लेकर कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) से शिकायत का फैसला

10 मिनट डिलीवरी ऐप्स को लेकर कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) से शिकायत का फैसला
File Photo of a Swiggy rider

स्विगी और जोमैटो की ताजातरीन कोशिशों से फूड डिलीवरी बाजार में नई रफ्तार आई है। हाल ही में स्विगी ने 15 मिनट में स्नैक्स और ड्रिंक्स डिलीवर करने वाली ऐप SNACC लॉन्च की है, जबकि जोमैटो ने अपनी क्विक कॉमर्स सेवा ब्लिंकिट के तहत एक नया प्लेटफॉर्म "बिस्ट्रो" पेश किया है, जो 10 मिनट में खाना डिलीवर करने का वादा कर रहा है। लेकिन अब यह तेज रफ्तार डिलीवरी सिस्टम रेगुलेटर्स के ध्यान में आ गया है, जिससे एक नई बहस छिड़ गई है।

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने इन दोनों कंपनियों के 10 मिनट डिलीवरी ऐप्स को लेकर कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) से शिकायत करने का फैसला लिया है। NRAI का आरोप है कि स्विगी और जोमैटो के इन नए प्लेटफार्मों द्वारा प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, NRAI ने इन प्लेटफार्मों पर आरोप लगाया है कि इनकी निजी लेबल पेशकश रेस्टोरेंट पार्टनर्स पर नकारात्मक असर डाल सकती है और यह उनकी व्यापारिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।

NRAI के प्रेसिडेंट और वाउ मोमो के को-फाउंडर सागर दरयानी ने निजी लेबलिंग को लेकर जोमैटो और स्विगी के कदम का विरोध किया है और कानूनी कार्रवाई की संभावना पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है। उनका कहना है कि यह अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस है क्योंकि यह रेस्टोरेंट्स के साथ सीधे मुकाबला करता है। इन ऐप्स के जरिए खाना डिलीवर करने का तरीका रेस्टोरेंट्स के लिए समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

इसके अलावा, दोनों प्लेटफार्मों के द्वारा थर्ड पार्टी से खाना खरीदकर अपने क्विक कॉमर्स डार्क स्टोर्स के माध्यम से डिलीवर किया जा रहा है, जिससे रेस्टोरेंट्स के लिए चुनौती बढ़ गई है। NRAI ने इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में शिकायत करने का निर्णय लिया है, ताकि इस तरह की अनियमितताएं रोकी जा सकें।