बांग्लादेश पर UN की रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा

बांग्लादेश पर UN की रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
Sheikh Hasina ; File photo

बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई और अगस्त के बीच छात्रों के बड़े प्रदर्शन के बाद जो घटनाएं घटीं, उन्होंने न केवल देश की राजनीति में उथल-पुथल मचाई, बल्कि मानवाधिकार उल्लंघन की गंभीर तस्वीर भी सामने लायी। इस प्रदर्शन के दौरान कई निर्दोष लोगों की जानें गईं, और अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार (UN Human Rights) ने शेख हसीना सरकार पर प्रदर्शनकारियों पर हमले और हत्या करने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। यूएन का मानना है कि शेख हसीना के खिलाफ विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के दौरान करीब 1400 लोग मारे गए।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि कैसे बांग्लादेश सरकार ने अपनी अवामी लीग पार्टी और सुरक्षा सेवाओं के हिंसक तत्वों के साथ मिलकर प्रदर्शनकारियों और नागरिकों पर हमला किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शेख हसीना के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जांच की जानी चाहिए, क्योंकि सुरक्षा और खुफिया सेवाओं के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन हुआ है।

यूएन ने अपनी जांच में दावा किया कि 230 से अधिक इंटरव्यू और दस्तावेजों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि बांग्लादेश में फैली हिंसा के दौरान सुरक्षाबलों ने शेख हसीना के प्रशासन का समर्थन किया था। 45 दिनों में लगभग 1,400 लोगों के मारे जाने का अनुमान है, जिनमें 12-13 प्रतिशत बच्चे थे। इनमें से अधिकांश मौतों का जिम्मेदार सुरक्षा बलों को ठहराया गया है। 

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने इसे सत्ता बनाए रखने की एक सोची-समझी रणनीति बताया, जिसमें न्यायिक हत्याएं, मनमानी गिरफ्तारियां और हिंसा को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए थे। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने पिछले महीने शेख हसीना और अन्य सैन्य जनरलों, साथ ही एक पूर्व पुलिस चीफ के खिलाफ वारंट जारी किए थे।