बांग्लादेश : अब खालिदा जिया की पार्टी भी हुई युनुस के खिलाफ

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने मंगलवार को इस साल जुलाई-अगस्त तक आम चुनाव कराए जाने की मांग की। पार्टी ने अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के उस बयान का विरोध किया, जिसमें उन्होंने इस साल के अंत या 2026 के मध्य तक चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा था।
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमीगर ने कहा कि चुनाव में इतनी देरी करने का कोई कारण नहीं है। वे पार्टी की निगरानी समिति की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे, जो तारेक रहमान की अध्यक्षता में आयोजित हुई थी। आलमगीर ने बताया कि निगरानी समिति ने यूनुस के प्रस्तावित चुनाव तिथियों पर विस्तार से चर्चा की और इस निष्कर्ष पर पहुंची कि चुनाव को इतनी लंबी अवधि तक टालना उचित नहीं होगा, क्योंकि मतदाता सूची को अपडेट करने में एक महीने से अधिक का समय नहीं लगेगा और बाकी प्रक्रिया में भी एक से दो महीने से ज्यादा समय नहीं लगेगा।
उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि चुनाव आयोग पहले ही गठित हो चुका है और शासन में कुछ हद तक स्थिरता भी है। इसलिए आम चुनाव में और देरी करने का कोई कारण नहीं है। देरी से केवल राजनीतिक और आर्थिक संकट और गहरा होगा।"
बीएनपी ने इस विचार का भी विरोध किया जिसमें अंतरिम सरकार के कुछ नेताओं ने स्थानीय चुनावों को पहले कराने का प्रस्ताव रखा था। आलमगीर ने अंतरिम सरकार की आर्थिक नीतियों, खासकर गैस की कीमतों में बढ़ोतरी और करों में इजाफे की योजना की आलोचना की। उन्होंने कहा, "हमने कई बार कहा है कि चुनी हुई सरकार के अलावा कोई विकल्प नहीं है और यही लोकतंत्र के लिए सबसे जरूरी बात है।"
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी के नेता ने सरकार, चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों से अपील की कि वे देश के हित में चुनाव को 2025 के मध्य तक कराने के लिए कदम उठाएं।
यूनुस और उनके सलाहकारों का कहना है कि चुनाव के लिए सुधार और तैयारियां चल रही हैं और चुनाव कुछ बुनियादी सुधारों के बाद ही कराए जाएं। हालांकि, आलमगीर का कहना है कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है और बीएनपी सुधारों के प्रति प्रतिबद्ध है।
बीएनपी नेता ने कहा, "हमारी मांग है कि पहले आम चुनाव कराए जाएं, न कि स्थानीय चुनाव।" उन्होंने यह भी कहा कि पिछले तीन आम चुनाव ठीक से नहीं हो सके और लोग चुनाव के माध्यम से लोकतांत्रिक बदलाव सुनिश्चित करना चाहते हैं।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया पिछले साल पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं। वह बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद भागकर भारत आ गई थीं, जिनके कारण अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार का पतन हुआ।
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध अधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और उनके कई पूर्व मंत्रियों, सलाहकारों और अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और उन पर मानवता के खिलाफ अपराध और जनसंहार का आरोप लगाया है।
यह पहला मौका है जब बीएनपी ने इतनी सख्ती से चुनाव की मांग की है। तीन बार प्रधानमंत्री रह चुकीं खालिदा जिया अब लंदन में इलाज करा रही हैं और उनका स्वास्थ्य नाजुक है। उनका बेटा तारेक रहमान भी ब्रिटेन में है, जहां उनके खिलाफ कई कानूनी मामलों को हल करने की प्रक्रिया चल रही है।