एफडीआई आकर्षित करने के लिए प्रक्रिया सरल बनाने पर विचार

एफडीआई आकर्षित करने के लिए प्रक्रिया सरल बनाने पर विचार
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भारत सरकार विदेशों से अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने पर विचार कर रही है। सरकार ने कुछ क्षेत्रों में प्रक्रियाओं को आसान बनाने की दिशा में चर्चाएं शुरू की हैं, जिससे निवेशकों के लिए भारत में निवेश करना और भी सुविधाजनक हो सके। इस विषय पर उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कई सरकारी विभागों, नियामकों, उद्योग संगठनों, कानूनी कंपनियों, पेंशन फंड्स, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेशकों के साथ विचार-विमर्श किया है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि, “हमने सभी हितधारकों से विचार-विमर्श पूरा कर लिया है और हमें अलग-अलग मुद्दों पर सुझाव प्राप्त हुए हैं। हालांकि अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन हम प्रक्रियागत नियमों को सरल बनाने पर विचार कर रहे हैं।”

क्या हैं प्रस्तावित बदलाव?

सरकारी अधिकारी के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में नियमों को ढीला किया जा सकता है, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि किन क्षेत्रों में बदलाव होंगे। हालांकि, कुछ संभावित प्रस्तावों की चर्चा जरूर की गई है, जिनमें:

  • ई-कॉमर्स क्षेत्र: केवल निर्यात के लिए इन्वेंटरी आधारित ऑनलाइन व्यापार मॉडल में एफडीआई की अनुमति देने का प्रस्ताव।
  • प्रेस नोट 3 में बदलाव: लाभकारी स्वामित्व की परिभाषा को स्पष्ट करने की मांग की गई है।
  • सिंगल-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग: इस नीति में कुछ बदलाव का सुझाव आया है।

इसके अतिरिक्त, प्रेस नोट 3 के तहत, भारत की सीमा से लगे देशों के निवेशकों को किसी भी क्षेत्र में निवेश से पहले सरकारी मंजूरी की आवश्यकता होती है।

भारत में एफडीआई की स्थिति
भारत में एफडीआई का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है। अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 तक भारत में 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का एफडीआई आया है। केवल अप्रैल से सितंबर 2024 तक एफडीआई में 45% की बढ़ोतरी हुई है और यह आंकड़ा 29.79 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है। प्रमुख क्षेत्रों में सेवाएं, आईटी, दूरसंचार, ऑटोमोबाइल, रसायन और दवा उद्योग शामिल हैं, जो सबसे अधिक एफडीआई आकर्षित कर रहे हैं।

विशेषज्ञों के सुझाव
एफडीआई के क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए हैं, जो इस क्षेत्र को और अधिक निवेश आकर्षित करने में मदद कर सकते हैं:

  1. एफडीआई मंजूरी प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी बनाया जाए।
  2. सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू किया जाए।
  3. भूमि अधिग्रहण और विवाद समाधान प्रक्रिया को आसान बनाया जाए।
  4. 'डीम्ड अप्रूवल' (निर्धारित समय सीमा में मंजूरी न मिलने पर आवेदन स्वतः स्वीकृत हो) को लागू किया जाए।

इस दिशा में सरकार के कदम निश्चित ही विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए एक आकर्षक अवसर प्रदान करेंगे, और इससे भारत की अर्थव्यवस्था में और मजबूती आएगी।