Tesla की आहट पर धड़ाम हुआ शेयर मार्केट, M&M के शेयरों में आई भारी गिरावट

भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को लाल निशान पर बंद हुआ, जिससे निवेशकों में कुछ मायूसी देखने को मिली। कारोबार के अंत तक सेंसेक्स 424 अंक गिरकर 0.56% की कमजोरी के साथ 75,311 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 117 अंक नीचे फिसलते हुए 0.51% की गिरावट के साथ 22,795 पर आ गया। इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर पड़ा, जो आमतौर पर बड़े शेयरों से ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर में भारी गिरावट
इस गिरावट की प्रमुख वजह महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के शेयरों में आई भारी गिरावट रही। M&M के शेयर में शुक्रवार को 6% तक की गिरावट दर्ज की गई। कंपनी के शेयर 2,815.20 रुपये के स्तर पर खुलने के बाद और भी गिरते हुए 2,653.25 रुपये के इंट्राडे लो पर पहुंच गए।
नई EV पॉलिसी की वजह से गिरावट का दबाव
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस गिरावट की वजह नई EV पॉलिसी हो सकती है, जिसका जल्द ही ऐलान किया जा सकता है। यह पॉलिसी मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने वाली विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने का उद्देश्य रखती है। इस पॉलिसी में इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर रियायती कस्टम ड्यूटी ( 110% से घटाकर 15%) और मैन्युफैक्चरिंग प्लांट एवं चार्जिंग स्टेशनों पर निवेश के लिए छूट का प्रस्ताव है।
विदेशी कंपनियों के लिए भारत में निवेश की संभावना
नई EV पॉलिसी का उद्देश्य यह है कि विदेशी कंपनियां जैसे टेस्ला, भारत में निवेश करें और मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करें। इसके साथ ही, वे शुल्क में छूट का भी लाभ उठा सकें। अगर विदेशी कंपनियों को आयात ड्यूटी में राहत मिलेगी, तो यह घरेलू ऑटो कंपनियों के लिए एक चुनौती बन सकता है, क्योंकि इससे उनकी बिक्री पर असर पड़ सकता है।
बाजार में गिरावट के अन्य कारण
शेयर बाजार में दबाव का एक बड़ा कारण विदेशी निवेशकों द्वारा की जा रही लगातार बिकवाली भी है। FIIs (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने अब तक भारतीय शेयर बाजार से करीब 11.75 बिलियन डॉलर के शेयर बेचे हैं, जिससे बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसके अलावा, टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों के तीसरी तिमाही के परिणाम उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फार्मा, सेमीकंडक्टर और ऑटोमोबाइल पर 25% या उससे ज्यादा टैरिफ लगाने की घोषणा से भी बाजार में अस्थिरता का माहौल बन गया है।