डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान से बवाल पर सऊदी प्रिंस ने बुलाई बैठक

डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान से बवाल पर सऊदी प्रिंस ने बुलाई बैठक
Gaza destruction ; File Photo

गाजा पट्टी के मुद्दे को लेकर अरब देशों के नेता अब इस्लामिक दुनिया के केंद्र, सऊदी अरब में अहम बैठक के लिए एकत्र हो रहे हैं। यह बैठक  रियाद में हो रही है, जिसमें मिस्र, जॉर्डन और अन्य खाड़ी देशों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अरब देशों के नेताओं को गाजा पट्टी पर शासन और पुनर्निर्माण के लिए धन जुटाने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है।

इस बैठक में मुख्य रूप से गाजा पर शासन करने और पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक धन जुटाने के तरीकों पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाजा पट्टी पर नियंत्रण करने और वहां से लोगों को विस्थापित करने की योजना पर भी चर्चा होगी, जिसने पूरी अरब दुनिया में हलचल मचा दी है और यह अरब नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।

गाजा पर शासन और पुनर्निर्माण के लिए धन जुटाने पर चर्चा
सऊदी मीडिया के अनुसार, यह बैठक अनौपचारिक है, लेकिन इसके महत्व को देखते हुए यह अरब देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अल जजीरा के अनुसार, ट्रंप की गाजा के संबंध में योजना ने अरब देशों को विरोध में एकजुट कर दिया है। हालांकि, अरब देशों में इस बात को लेकर असहमति है कि गाजा पट्टी पर किसका शासन होना चाहिए और पुनर्निर्माण के लिए धन कैसे इकट्ठा किया जाए।

क्या अरब देश गाजा पर फैसला करेंगे?
सऊदी विदेश नीति के विशेषज्ञ उमर करीम ने इस बैठक को अरब जगत और फिलिस्तीनी मुद्दे के लिए निर्णायक बताया है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि गाजा के पुनर्निर्माण में 53 अरब डॉलर से अधिक खर्च होंगे, जिसमें पहले तीन वर्षों में लगभग 20 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। यह बैठक इसी मुद्दे को लेकर आयोजित की जा रही है कि गाजा पट्टी के पुनर्निर्माण के लिए धन कैसे एकत्रित किया जाए।

डोनाल्ड ट्रंप की गाजा को लेकर विवादास्पद योजना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में गाजा पट्टी को लेकर एक प्रस्ताव दिया, जिसने अरब देशों में आक्रोश फैला दिया। ट्रंप ने प्रस्तावित किया है कि गाजा पट्टी से लगभग 23 लाख लोगों को मिस्र और जॉर्डन जैसे पड़ोसी देशों में भेज दिया जाएगा। इस योजना का दुनियाभर में विरोध हो रहा है, और खासकर मिस्र ने भी गाजा को लेकर कुछ योजनाओं पर विचार करने के संकेत दिए हैं।