AAP के सात विधायकों ने पार्टी छोड़ी

AAP के सात विधायकों ने  पार्टी छोड़ी
The seven MLAs who resigned

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान में केवल पांच दिन शेष रह गए हैं, और इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) में एक बड़ा सियासी हलचल देखने को मिला है। पार्टी के सात विधायकों ने इस्तीफा देकर राजनीति में तूफान मचा दिया है। सबसे पहले महरौली के विधायक नरेश यादव ने इस्तीफा दिया। इसके कुछ ही घंटों बाद जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि ने भी पार्टी छोड़ दी। फिर त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित कुमार मेहरौलिया, कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल, पालम विधायक भावना गौड़, आदर्श नगर विधायक पवन कुमार शर्मा और आखिरकार बिजवासन से विधायक भूपेंद्र सिंह जून ने भी अपना इस्तीफा दे दिया। इन विधायकों ने पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं एक और विधायक के इस्तीफे की चर्चा भी तेज हो गई है। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि इन विधायकों पर भाजपा और कांग्रेस ने दबाव डाला है और चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया।

इन इस्तीफों के बीच, पार्टी के दो अन्य विधायकों, ऋतुराज झा और दिलीप पांडे ने मीडिया के सामने आकर अपनी स्थिति स्पष्ट की। इन दोनों को भी इस बार चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया गया, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे। दिलीप पांडे और ऋतुराज झा ने कहा कि पार्टी ने उन्हें भी टिकट नहीं दिया, लेकिन वे पार्टी के साथ खड़े हैं क्योंकि वे सच्चे सिपाही हैं। झा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें 10 साल तक किरारी से विधायक बनाए रखा और उन्हें आने वाले दिनों में और जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

दोनों विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस द्वारा उन्हें पद का लालच दिया जा रहा था और पार्टी छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। झा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा के लोग उन्हें लगातार संपर्क कर रहे थे और उन्हें विभिन्न प्रलोभन दे रहे थे कि उन्हें बेहतर पद दिया जाएगा। दिलीप पांडे ने स्पष्ट किया कि वे आम आदमी पार्टी में थे, हैं, और आगे भी रहेंगे। 

इस घटनाक्रम ने दिल्ली की सियासत में हलचल मचा दी है और सभी की नजरें अब इस पर हैं कि इस मामले का आगामी चुनाव परिणाम पर क्या असर होगा।