1 अप्रैल से मुंबई के पांच टोल नाकों पर फिर से टोल वसूली
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य राजमार्गों पर सभी वाहनों के लिए फास्टैग का उपयोग अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मंगलवार, 7 जनवरी को महाराष्ट्र कैबिनेट द्वारा लिया गया, और यह 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। अब तक यह नियम केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर था, लेकिन अब राज्य राजमार्गों पर भी फास्टैग लागू किया जाएगा।
क्या बदलने जा रहा है?
इस नए निर्णय के तहत, राज्य राजमार्गों पर टोल भुगतान को अधिक पारदर्शी और कैशलेस बनाने के लिए फास्टैग अनिवार्य किया जाएगा। खास बात यह है कि इससे ट्रैफिक जाम की समस्या में भी कमी आएगी, क्योंकि टोल प्लाजा पर वाहनों को धीमी गति से गुजरने का समय नहीं लगेगा। टोल प्लाजा पर लगे कैमरे वाहन के विंडशील्ड पर लगे आरएफआईडी टैग को स्कैन करके डिजिटल रूप से भुगतान को सत्यापित करेंगे।
इस फैसले का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब 1 अप्रैल से मुंबई के पांच प्रवेश बिंदुओं पर कारों और एसयूवी के लिए टोल शुल्क माफ करने का राज्य सरकार का पिछले साल अक्टूबर में लिया गया निर्णय भी समाप्त हो जाएगा। इसके बाद, इन बिंदुओं पर भी फास्टैग के माध्यम से टोल शुल्क लिया जाएगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
फास्टैग के जरिए टोल भुगतान अनिवार्य करने का मुख्य उद्देश्य टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को कम करना और भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी तथा कैशलेस बनाना है। इसके अलावा, यह निर्णय राज्य सरकार को बेहतर राजस्व संग्रहण में भी मदद करेगा।
फास्टैग के बारे में जानकारी
फास्टैग एक आरएफआईडी-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है, जो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा पूरे भारत में 15 फरवरी 2021 से लागू की गई थी। इसमें वाहन मालिक के बैंक खाते या फास्टैग वॉलेट से जुड़ा एक डिजिटल खाता होता है, जिससे टोल शुल्क कटता है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह कदम एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, जो राज्य राजमार्गों पर टोल भुगतान की प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाएगा।