एंड्रॉयड फोन में Qi2 वायरलेस चार्जिंग का आगमन, Apple के MagSafe से मुकाबला
कई वर्षों के इंतजार के बाद, अब ऐसा लगता है कि एंड्रॉयड स्मार्टफोन आखिरकार Apple के MagSafe वायरलेस चार्जिंग तकनीक के समान स्तर पर पहुंचने जा रहे हैं। वायरलेस पावर कंसोर्टियम (WPC) ने पुष्टि की है कि Qi2 वायरलेस चार्जिंग अब एंड्रॉयड फोन पर आ रही है, जिसमें प्रमुख रूप से सैमसंग और गूगल सबसे आगे हैं। CES 2025 में इस घोषणा ने उन यूजर्स के बीच उत्साह बढ़ा दिया है, जो लंबे समय से एंड्रॉयड स्मार्टफोन में Qi2 वायरलेस चार्जिंग मानक का इंतजार कर रहे थे।
Qi2: वायरलेस चार्जिंग का बड़ा कदम
Qi2 तकनीक पुराने Qi मानक से एक बड़ा सुधार है, जो चार्जिंग स्पीड और कुशलता को बेहतर बनाता है। इसमें 15W तक की चार्जिंग स्पीड का वादा किया गया है। Qi2 में मैग्नेटिक रिंग्स का उपयोग किया जाता है, जो डिवाइस को चार्जर के साथ सही तरीके से जोड़ते हैं। इससे ऊर्जा की बर्बादी कम होती है और चार्जिंग प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय और कुशल बनती है। इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह अधिक तेजी से चार्ज करता है और कम समय में डिवाइस को पावर मिलती है। Apple के MagSafe ने 2023 से इसी तरह की तकनीक का उपयोग शुरू किया था, लेकिन एंड्रॉयड डिवाइस इस मामले में पीछे रहे थे। अब Qi2 के आने से यह अंतर समाप्त होने की संभावना है।
सैमसंग और गूगल का बड़ा योगदान
सैमसंग और गूगल ने आधिकारिक तौर पर Qi2 मानक को अपनाने की पुष्टि की है। सैमसंग ने बताया कि इस साल के अंत तक Galaxy फोन Qi2 को सपोर्ट करना शुरू कर देंगे। हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि Galaxy S25 सीरीज में Qi2 का समर्थन होगा या नहीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, S25 सीरीज में विशेष केस के माध्यम से Qi2 का सपोर्ट मिल सकता है, लेकिन इसका पूरा इंटीग्रेशन Galaxy S26 तक हो सकता है।
Apple के MagSafe से मुकाबला
Apple के यूजर्स वर्षों से MagSafe के माध्यम से बेहतर वायरलेस चार्जिंग का अनुभव कर रहे हैं, जबकि एंड्रॉयड फोन में वायरलेस चार्जिंग धीमी और कम विश्वसनीय रही है। अब Qi2 के आने से एंड्रॉयड डिवाइस भी बेहतर प्रदर्शन और तेज चार्जिंग प्रदान करेंगे, जिससे वे Apple की तकनीक के बराबर हो जाएंगे। Qi2 का समर्थन करने के साथ, एंड्रॉयड डिवाइस अब Apple के MagSafe के मुकाबले खड़े होंगे, जो वायरलेस चार्जिंग अनुभव को और बेहतर बनाएंगे।