सर्वपितृ अमावस्या 02 अक्टूबर को मनाई जाएगी
सनातन धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। वहीं, अगर ये पितृ पक्ष के दौरान आए, तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। यह तिथि पितरों को समर्पित है। सर्वपितृ अमावस्या को महालया अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, जो पितृ पक्ष के अंत का प्रतीक है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सर्वपितृ अमावस्या 02 अक्टूबर को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन तर्पण के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा में बर्तन, ऋतु फल, कच्ची सब्जी, अनाज, मिष्ठान, धोती-कुरता, धन आदि देना चाहिए। वहीं, पुरोहित विवाहित हैं, तो उनकी पत्नी के लिए साड़ी, शृंगार की सामग्री और क्षमता हो तो कोई जेवर भी दे सकते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि इस तिथि पर इन चीजों के दान से व्यक्ति का सौभाग्य बढ़ता है और घर में बरकत आती है। यही नहीं इससे पितृ देव भी प्रसन्न होते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अमावस्या तिथि 01 अक्टूबर, 2024 को रात्रि 09 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन 03 अक्टूबर, 2024 को रात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर सर्वपितृ अमावस्या बुधवार, 02 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पितरों के लिए किया गया तर्पण उन्हें मोक्ष प्रदान करता है।