महाराष्ट्र में करोड़ों का CSR घोटाला

राज्य में बड़ी-बड़ी कंपनियों से सीएसआर फंड दिलाने का लालच देकर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मुंबई की एक बड़ी वित्तीय संस्था की अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है। पंढरपूर तालुका के देगाव निवासी राजकुमार घाडगे के साथ पौने दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने मुंबई के बोरिवली पुलिस थाने में अपराध दर्ज कराया। इसके बाद, इस गिरोह और बोरिवली स्थित गजानन को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी की अध्यक्ष रजनी देशपांडे सहित 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए हैं। राजनी देशपांडे को तत्काल पुलिस ने गिरफ्तार कर मुंबई की अदालत में पेश किया, जहां उन्हें 24 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।
पंढरपूर के राजकुमार घाडगे के पास देगाव में नर्सरी से लेकर बारहवीं तक की शिक्षा देने वाली एक मराठी माध्यम की निजी शिक्षण संस्था चल रही है। इस संस्था को भवन निर्माण के लिए कर्ज लेना था, लेकिन इस दौरान इस गिरोह ने उन्हें कर्ज के बजाय कंपनियों का सीएसआर फंड दिलवाने का झांसा दिया। गिरोह ने उन्हें भारत फोर्ज कंपनी से 30 करोड़ रुपये प्राप्त करने का वादा किया, लेकिन कहा कि इसमें से एक करोड़ रुपये उन्हें देना होगा। घाडगे ने किसी भी रूप में नकद राशि न देने का निर्णय लिया और बैंक में उस रकम की एफडी करा दी। इसके बाद, जब पैसे नहीं मिले, तो उन्होंने पिछले छह महीने से अपने पैसे वापस दिलवाने के लिए दबाव बनाया। एफडी की मियाद समाप्त होने पर भी पैसे नहीं मिले।
इसके बाद, इस गिरोह ने भारत फोर्ज से 84 लाख 35 हजार रुपये की मंजूरी का मेल भेजा और कुछ दस्तावेज पेश करने को कहा। यह मेल घाडगे और पंढरपूर के बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा को भी मिला था। पैसे न मिलने पर राजकुमार घाडगे ने मुंबई के बोरिवली पुलिस थाने में रजनी देशपांडे, सुशीम गायकवाड, जितेंद्र कोकरेज, पोपट मुले, निकम पाटील, अजीज फारुख अब्दुल्ला, जयश्री भोज, अमित मेहता, सुवर्ण ब्रेकर, भारत बाबू रंगारे, आनंद स्वामी और अन्य चार अनजान लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और महाराष्ट्र जमा संरक्षण कानून के तहत अपराध दर्ज कराया। पुलिस ने तत्परता से गजानन को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी की अध्यक्ष रजनी देशपांडे को गिरफ्तार किया और उन्हें 24 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया। इसके अलावा, पुलिस ने वित्तीय संस्था के कार्यालय को भी सील कर दिया है। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि भारत फोर्ज से आया मेल सही है या नहीं और इस गिरोह के खिलाफ और कोई धोखाधड़ी की गई है या नहीं। राज्य में संस्थाओं को सीएसआर फंड दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला यह गिरोह अब पुलिस के हाथ लग चुका है और इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।