महाकुंभ: जापान, रूस, यूक्रेन, नेपाल और भारत के संत एक ही छत के नीचे
महाकुंभ के इस साल के आयोजन में एक अनोखा दृश्य देखने को मिलेगा, जहां पांच देशों की संस्कृतियां और परंपराएं एक साथ मिलेंगी। यह संगम जापान, रूस, यूक्रेन, नेपाल और भारत के संत-भक्तों को एक ही छत के नीचे लाएगा, जहां वे अपनी-अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का आदान-प्रदान करेंगे। यह आयोजन संगम लोवर मार्ग के सेक्टर 18 में होगा, जहां जापान के बौद्ध धर्म के अनुयायी सनातन संस्कृति के रंग में रंगे हुए होंगे। योग माता केको आईकावा उर्फ कैला नंदगिरि जापानी संतों और भक्तों का मार्गदर्शन करेंगी, और वह 11 जनवरी को यहां पहुंचेंगी।
इस शिविर में रूस और यूक्रेन के संत और उनके अनुयायी भी अपनी पूर्वी सांस्कृतिक परंपरा के साथ समागम करेंगे, जो कि तीन वर्षों से युद्ध का सामना कर रहे हैं। स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि के नेतृत्व में यूक्रेन से आने वाले संत श्रद्धा सेवा शिविर में अपना योगदान देंगे। नेपाल से भी संत अपनी संस्कृति और परंपराओं के साथ इस शिविर में सम्मिलित होंगे।
विशेष रूप से इस शिविर के लिए 10 बीघा क्षेत्र में जगह तैयार की गई है, और यज्ञ वेदी भी तैयार की जा रही है। यहां घरेलू वेदियों के साथ साथ, लोक देवी और पूर्वजों की पूजा भी की जाएगी। संतों के लिए आरामदायक सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है, जिसमें टाइल्स, शीशे की खिड़कियां, आरामदायक सोफे और पलंग शामिल हैं, ताकि वे किसी भी प्रकार की असुविधा से बच सकें।
इस शिविर का संयोजन खप्पर बाबा की ओर से किया जा रहा है, और इसे लेकर मेला प्रशासन ने किसी प्रकार की अतिरिक्त सुविधा नहीं ली है। शिविर में हर कक्ष को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, जिसमें वाईफाई, वातानुकूलित सत्संग कक्ष, माड्यूलर किचन, डिलक्स कक्ष और आधुनिक प्रसाधन शामिल हैं। इस आयोजन में पहली बार विदेशी संतों के लिए आलीशान वुडेन कॉटेज की व्यवस्था की गई है, जहां वे अपने कल्पवास का समय बिताएंगे।