धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव पास

धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव पास
प्रयागराज में आयोजित सनातन धर्म संसद

महाकुंभ के दौरान 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के प्रमुख साधु-संतों ने भाग लिया। इस धर्म संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई। हालांकि, 13 अखाड़ों और चार शंकराचार्यों ने इसमें भाग नहीं लिया। धर्म संसद में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें सनातन बोर्ड के गठन की प्रमुख मांग शामिल थी।

सनातन धर्म संसद में आध्यात्मिक नेता देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, "हमने सनातनी हिंदू बोर्ड अधिनियम का एक प्रस्ताव तैयार किया है, और यहां मौजूद सभी धार्मिक नेताओं ने इस पर सहमति जताई है। हम इस संविधान को भारत सरकार को भेजेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर चर्चा करने के लिए समय मांगेंगे, ताकि अगर वक्फ बोर्ड है, तो हिंदुओं और सनातनियों को एक सनातन बोर्ड का तोहफा मिले।"

धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव पास किया गया और इसे "हिंदू अधिनियम 2025" के नाम से जाना जाएगा। इसमें यह भी कहा गया कि सनातन हिंदू बोर्ड एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित होगा, और सभी धर्माचार्यों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर इसे मंजूरी दी। धर्म संसद में कुछ प्रमुख प्रस्ताव रखे गए, जिनमें शामिल थे:

  1. सनातन बोर्ड का गठन किया जाए।
  2. देशभर के मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाया जाए।
  3. हर बड़े मंदिर में गोशाला स्थापित की जाए।
  4. धर्मांतरण रोकने के लिए गरीब हिंदू परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए।
  5. सनातन हिंदुओं के दूसरे धर्म में विवाह को रोकने की कोशिश की जाए।

इस दौरान अभिनेता सुनील शेट्टी भी महाकुंभ में शामिल हुए और सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "27 जनवरी को हम स्वामी देवकीनंदन ठाकुर महाराज के साथ मिलकर सनातन बोर्ड की स्थापना के लिए एक आंदोलन शुरू करेंगे। हमारा उद्देश्य हमारे मंदिरों, गौशालाओं और गुरुकुलों की रक्षा करना है।"

इस बीच, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धर्म संसद और सनातन बोर्ड के गठन को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड का गठन इस तरह की धर्म संसद से संभव नहीं होगा। उनका मानना है कि शंकराचार्यों और आचार्यों के बिना धर्म संसद का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार बोर्ड बनाएगी तो उसका हाल वक्फ बोर्ड जैसा होगा, और उन्होंने वक्फ बोर्ड के खत्म किए जाने की मांग का समर्थन भी किया।

धर्म संसद में आध्यात्मिक नेता देवकीनंदन ठाकुर का प्रस्ताव सुनने के लिए इस link को क्लिक करें