चुनावी मौसम में बिहार में बाबाओं के सत्संग ; राजनीति गरमाई

चुनावी मौसम में बिहार में बाबाओं के सत्संग ; राजनीति गरमाई
Pt. Dhirendra Shastri; File photo

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 10 मार्च तक बिहार के गोपालगंज में हैं, जहां हनुमंत कथा का आयोजन किया गया है। बाबा के बिहार आने से पहले ही सियासी गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई थी, और अब जब वह आ गए हैं तो माहौल और भी गरम हो गया है। आरजेडी के विधायक मुकेश रोशन ने तो बाबा को गिरफ्तार करने तक की मांग कर दी है। अब जेडीयू की ओर से भी बड़ा बयान आया है।

शुक्रवार (7 मार्च, 2025) को जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने बाबा बागेश्वर के बारे में कहा कि अगर उन्होंने उन्माद फैलाया और कानून का उल्लंघन किया तो उन्हें जेल भेजा जाएगा। उन्होंने कहा, "यहां नीतीश का राज है। पहले भी कई बाबाओं को जेल भेजा गया है। अधिकांश बाबा धर्म के बजाय राजनीति में रुचि रखते हैं और उन्माद फैलाते हैं।"

गुलाम गौस ने यह भी कहा, "बाबा को समझ लेना चाहिए कि यह बिहार है। यहां हमेशा सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त किया गया है। ऐसे बाबाओं के बिहार दौरे पर रोक लगाई जाएगी। यहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं। भारत हिंदू राष्ट्र क्यों बनेगा? यहां सभी धर्मों का आदर किया जाता है।" गुलाम गौस, जो जेडीयू के बड़े अल्पसंख्यक नेता हैं, ने आगे कहा कि अगर बाबा हनुमंत कथा कहने आए हैं तो उन्हें वही कहना चाहिए, और उन्हें बिहार में कायदे से रहना होगा।

जहां एक ओर जेडीयू के नेता गुलाम गौस बाबा के खिलाफ चेतावनी भरे लहजे में बयान दे रहे हैं, वहीं बीजेपी ने इस मुद्दे पर नरम रुख अपनाया है। बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने बाबा बागेश्वर के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा और यह आवाज बिहार से उठेगी।

अब सवाल यह उठ रहा है कि यह महज संयोग है या फिर बीजेपी की तरफ से ध्रुवीकरण का एक प्रयास? बिहार में चुनाव से पहले धर्म और आध्यात्म की ज़मीन पर जोरदार बैटिंग हो रही है। गोपालगंज में बाबा बागेश्वर हैं, पटना में श्री श्री रविशंकर का सत्संग हो रहा है, और बिहार में ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद हैं।