कांग्रेस ने किया सैम पित्रोदा के बयान से किनारा

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा, जो अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं, ने इस बार भी एक ऐसा बयान दिया है जिसने राजनीति में हलचल मचा दी है। सैम पित्रोदा ने चीन को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला किया है। भाजपा के आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी ने खुद को सैम पित्रोदा के बयान से अलग कर लिया है।
कांग्रेस नेता और महासचिव जयराम रमेश ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा किया। जयराम रमेश ने लिखा कि सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस पार्टी के विचार नहीं हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चीन पर पित्रोदा के विचार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दृष्टिकोण से मेल नहीं खाते।
जयराम रमेश ने आगे लिखा, "चीन हमारी सबसे बड़ी विदेश नीति, बाहरी सुरक्षा और आर्थिक चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस ने मोदी सरकार के चीन के प्रति दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा चीन को सार्वजनिक रूप से क्लीन चिट देना भी शामिल है।" उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस का हालिया बयान 28 जनवरी, 2025 को था, जिसमें इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की गई थी।
इसके साथ ही जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह बेहद खेदजनक है कि संसद को इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने का और सामूहिक संकल्प व्यक्त करने का मौका नहीं दिया गया।
इस बीच, सैम पित्रोदा ने चीन के बारे में जो बयान दिया, उसने राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया। पित्रोदा ने कहा कि चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है और भारत का दृष्टिकोण हमेशा टकरावपूर्ण रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि देशों को एक-दूसरे से सहयोग करना चाहिए, न कि टकराव। उनका मानना था कि हमें यह मानसिकता बदलने की जरूरत है और यह मानना बंद करना होगा कि चीन शुरू से ही दुश्मन है।
यह बयान न केवल सैम पित्रोदा के विचारों को लेकर चर्चा में है, बल्कि इसने कांग्रेस और भाजपा के बीच एक नई राजनीतिक बहस को भी जन्म दिया है।