डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा

डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा
Representational Photo of Dollar currency

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। विपक्षी पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं बचा है। 2013 में जब यूपीए सरकार के दौरान रुपये की कीमत में गिरावट आई थी, तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निजी हमले किए थे। 

कांग्रेस के महासचिव और संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने मोदी के 2013 के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपीए नेतृत्व दिशाहीन हो गया है, उसे न तो देश की रक्षा की चिंता है और न ही रुपये की कीमत में आ रही गिरावट की चिंता है, उसे बस अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है। 

रमेश ने कहा, गुजरात के तत्कालीन जैविक मुख्यमंत्री ने 2014 में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट पर जोरदार अभियान चलाया था। यहां तक कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निजी हमलों का सहारा लिया था। 16 मई 2014 को रुपये की कीमत 58.58 रुपये प्रति डॉलर थी। अब दस साल बाद रुपये की कीमत 85.27 रुपये प्रति डॉलर हो गई है। रुपये ने एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बनने का रिकॉर्ड बनाया है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, याद रखें कि (रुपये की कीमत में) यह गिरावट सरकार और रिजर्व बैंक की मुद्रा नीति के बावजूद हो रही है। प्रधानमंत्री के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने हाल ही में इस पर टिप्पणी की थी। रिजर्व बैंक ने रुपये को स्थिर करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार से अरबों डॉलर खर्च किए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। 


उन्होंने 2013 में मोदी द्वारा दिए गए बयान की याद दिलाते हुए कहा, संकट आते हैं, लेकिन अगर संकट के दौरान नेतृत्व दिशाहीन और निराशाजनक हो, तो संकट और बढ़ जाता है। यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि दिल्ली में बैठे शासक न तो देश की रक्षा को लेकर चिंतित हैं और न ही रुपये की गिरावट को लेक, उन्हें केवल अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है। 

सोमवार को रुपये में फिर गिरावट दर्ज की गई और यह 85.52 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गई। कारोबारियों ने कहा कि रुपये में भारी-उतार चढ़ाव देखा गया, खासकर डॉलर की मांग बढ़ने और विदेशी पूजी की निकासी के कारण। शुक्रवार को भी रुपये ने दो साल में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। तब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 85.80 दर्ज की गई। हालांकि बाद में केंद्रीय बैंक के दखल से कुछ रिकवरी हुई।