संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में बाघ सफारी के बाद अब तेंदुआ सफारी

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बोरीवली स्थित संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में बाघ सफारी के बाद अब तेंदुआ ( Leopard) सफारी शुरू होने जा रही है। इस बारे में आज राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक कार्य मंत्री और मुंबई उपनगर के पालकमंत्री एड. आशिष शेलार ने घोषणा की। साथ ही, उन्होंने इस उद्यान में दो शेरों को एक साल के लिए गोद लिया है। तेंदुआ सफारी शुरू करने के संदर्भ में उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिए हैं और प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा है। इस फैसले से आने वाले समय में पर्यटक यहां तेंदुए देख सकेंगे।
आज मुंबई उपनगर के पालकमंत्री एड. आशिष शेलार ने बोरिवली स्थित संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया। इस दौरान उपनगर के जिल्हाधिकारी राजेंद्र क्षीरसागर, मुख्य वनरक्षक श्रीजी मल्लिकार्जुन, उपसंचालक रेवती कुलकर्णी, सहायक वनरक्षक सुधीर सोनवणे, मुख्य सुरक्षा अधिकारी योगेश महाजन और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। वर्तमान में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में बाघ और शेर की दो सफारी उपलब्ध हैं। महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से तेंदुओं के शावक इस उद्यान में संरक्षित किए गए हैं और उनका पालन-पोषण किया जा रहा है, लेकिन पर्यटकों के लिए उनकी सफारी उपलब्ध नहीं है। इसके लिए लगभग 30 हेक्टेयर क्षेत्र की आवश्यकता होगी, जो कि इस क्षेत्र में उपलब्ध है। सफारी प्रोजेक्ट के लिए लगभग 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, इस बारे में अधिकारियों ने जानकारी दी। इस राष्ट्रीय उद्यान को सालभर में 20 लाख पर्यटक देखने आते हैं। यदि तेंदुआ सफारी शुरू होती है, तो पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और वन क्षेत्र की आय में भी बढ़ोतरी होगी, यह जानकारी मुख्य वनरक्षक श्रीजी मल्लिकार्जुन ने मंत्रियों के सामने प्रस्तुत की।
मंत्री आशिष शेलार ने इस क्षेत्र में तेंदुआ सफारी शुरू करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए आवश्यक फंड वन विभाग और जिला नियोजन समिति से उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने जिल्हाधिकारी को तत्काल इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा।
"भारत और भारती" को पालकमंत्री ने गोद लिया!
इस उद्यान में "भारत और भारती" नामक दो शेर, जो तीन साल के हैं, हाल ही में 26 जनवरी को गुजरात से लाए गए हैं। इन शेरों को एड. आशिष शेलार ने एक साल के लिए गोद लिया है और उनके पालन-पोषण का खर्च वे व्यक्तिगत रूप से वहन करेंगे।
411 लोगों को सुरक्षा कवच
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में 400 वन मजदूर हैं, जो बिना मौसम की परवाह किए और वन्य जीवों के अधिवास क्षेत्र में अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार गश्त करते हैं। इनमें से अधिकांश आदिवासी समुदाय से हैं। इसके अलावा, मानव बस्तियों में वन्य जीव घुसने पर उन्हें पकड़ने के लिए 11 लोगों की टीम कार्यरत है, जो प्रत्यक्ष रूप से जानवरों के संपर्क में आती है। हालांकि, इन कर्मचारियों के लिए सुरक्षा बीमा नहीं था, जो कि मंत्री आशिष शेलार की नजर में आया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तुरंत इस बारे में निर्देश दिए और सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा बीमा करवाने का आदेश दिया। इसके लिए आवश्यक फंड उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन भी उन्होंने दिया।