महायुती में रार ; 300 करोड़ के घोटाले का आरोप

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार की स्थिति काफी अजीब हो गई है, जहां सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के विधायक अपने गठबंधन सहयोगी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) के विधायक धनंजय मुंडे पर आरोप लगा रहे हैं। यह स्थिति यह दिखाती है कि सत्तारूढ़ बीजेपी गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है।
सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के बाद, हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और आरोप यह है कि ये आरोपी मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी हैं। इसी वजह से उनकी इस्तीफे की मांग उठ रही है। दूसरी ओर, भ्रष्टाचार के आरोपों से भी धनंजय मुंडे मुश्किल में घिरे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने भी यह आरोप लगाया है कि जब धनंजय मुंडे कृषि मंत्री थे, तो कृषि विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। अब आष्टी के भाजपा विधायक सुरेश धस ने भी मंत्री धनंजय मुंडे पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उनका इस्तीफा मांगने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि धनंजय मुंडे का इस्तीफा लेने का पूरा अधिकार उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का है। जब अजीत पवार उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने सिंचन घोटाले के आरोपों के बाद खुद इस्तीफा दिया था। ऐसे में, सवाल उठता है कि जब अजीत पवार इस्तीफा दे सकते हैं, तो धनंजय मुंडे क्यों नहीं?
मंत्री धनंजय मुंडे से मिलने के कारण आलोचना का शिकार हुए विधायक सुरेश धस ने आज फिर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर वाल्मिक कराड और मंत्री धनंजय मुंडे पर गंभीर आरोप लगाए। सुरेश धस ने आरोप लगाया कि धनंजय मुंडे के वरदहस्त से कृषि विभाग में 300 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। उन्होंने यह कहा कि किसानों और क्षेत्रीय अधिकारियों की कोई भी मांग नहीं होने के बावजूद, खरीदारी का निर्णय लिया गया था। एक ही दिन में प्रस्ताव भेजा गया और उसी दिन जीआर जारी हो गया। तत्कालीन सनदी अधिकारी प्रवीण गेडाम ने सुझाव दिया था कि ये सभी राशि DBT के माध्यम से दी जाए। मुख्यमंत्री की मंजूरी के अनुसार, उप सचिव संतोष कराड ने नैनो यूरिया, नैनो DAP और गोगलगाय के प्रकोप को रोकने के लिए अग्रिम राशि देने का आदेश दिया।
सुरेश धस ने कहा कि यह घोटाला महाराष्ट्र को चकरा देगा। धनंजय मुंडे ने टेंडर बहुत चतुराई से निकाले, ताकि किसी को भनक भी न लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि नैनो यूरिया में 21.26 करोड़ रुपये, DAP में 56.76 करोड़ रुपये, बैटरी में 45.53 करोड़ रुपये और कपास के भंडारण बैग में 577 बैग को 1250 रुपये में बेचा गया, जबकि 180.83 करोड़ रुपये मंत्री धनंजय मुंडे और उनके सहयोगियों द्वारा निकाले गए। मुख्य आरोपी रफिक नाईकवाडे है और भामरे आज भी उनके साथ हैं। इस समूह ने केवल कागजात में हेरफेर किया है और लोकायुक्त कार्यालय को भी गलत जानकारी दी। इसलिए, सुरेश धस ने मांग की है कि धनंजय मुंडे के कार्यकाल में हुए इस भ्रष्टाचार की जांच SIT द्वारा की जाए।
यह स्थिति न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में उलझन बढ़ा रही है, बल्कि सत्ताधारी गठबंधन की आपसी फूट और आरोप-प्रत्यारोप की चक्रव्यूह को भी उजागर कर रही है।