भारत अब एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है - प्रधानमंत्री मोदी

भारत अब एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है - प्रधानमंत्री मोदी
The Nilgiri war ship

बुधवार को भारतीय नौसेना के तीन प्रमुख युद्धपोतों, आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में नौसेना की गोदी में शामिल किया गया। इस अवसर पर भारतीय नौसेना ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह देश की समुद्री शक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत अब एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है और उसे ग्लोबल साउथ में एक विश्वसनीय और जिम्मेदार साझेदार के रूप में पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत का उद्देश्य विस्तारवाद नहीं, बल्कि विकास है। भारत हमेशा एक मुक्त, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करता है।

प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। आज हम उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नेवी को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है जब एक डिस्ट्रॉयर, एक फ्रिगेट और एक सबमरीन को एक साथ कमीशन किया जा रहा है, और गर्व की बात यह है कि ये सभी युद्धपोत मेड इन इंडिया हैं।

उन्होंने भारत के सैन्य सामर्थ्य को और अधिक सक्षम और आधुनिक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भारत जल, थल, नभ और समुद्र की गहराई सहित हर जगह अपने हितों की सुरक्षा कर रहा है। इसके लिए निरंतर सुधार किए जा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

नौसेना के तीनों युद्धपोतों की विशेषताएँ:

  1. आईएनएस सूरत - यह 15बी श्रेणी का गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है और दुनिया के सबसे बड़े और अत्याधुनिक विध्वंसक जहाजों में शुमार है। इसमें 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है और यह अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस है।

  2. आईएनएस नीलगिरी - यह 17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है, जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। इसमें समुद्र में लंबे समय तक रहने की क्षमता और स्टील्थयुक्त उन्नत सुविधाएं हैं।

  3. आईएनएस वाघशीर - यह पनडुब्बी पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी है, जिसे फ्रांसीसी नौसेना समूह के सहयोग से बनाया गया है। यह भारत की पनडुब्बी निर्माण में बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समुद्रों को नशीले पदार्थों, हथियारों और आतंकवाद से बचाने के लिए भारत को वैश्विक साझेदार बनना चाहिए और इसे सुरक्षित एवं समृद्ध बनाना चाहिए।