अवैध अप्रवासन: एक वैश्विक संकट

आजकल अवैध अप्रवासन एक गंभीर वैश्विक समस्या बन चुकी है, जिसका असर हर देश में देखा जा सकता है।  अमेरिका ने 205 अवैध भारतीय नागरिकों को एक विशेष विमान के माध्यम से भारत भेजा है , जो इस बात का प्रमाण है कि यह समस्या केवल एक देश तक सीमित नहीं है। अवैध अप्रवासी न केवल देशों की सीमाओं को चुनौती देते हैं, बल्कि वे सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी संकटों का कारण भी बनते हैं।

भारत भी इस समस्या से अछूता नहीं है। दक्षिण एशिया के कई देशों से, विशेष रूप से बांग्लादेश और नेपाल से, भारत में अवैध अप्रवासी आते हैं। ये अप्रवासी रोजगार, बेहतर जीवन की तलाश में देश की सीमाओं को पार करते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया ना केवल कानूनी है बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करती है। इन अप्रवासियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिससे रोजगार, संसाधन और सुरक्षा के मुद्दे भी उभर रहे हैं।

किसी भी देश की सीमाएं केवल भौतिक नहीं होतीं, वे उसकी संस्कृति, नीति और सुरक्षा का भी प्रतीक होती हैं। अवैध तरीके से सीमा पार करना एक अपराध है, जो देश की संप्रभुता को चुनौती देता है। ऐसे लोगों को यह समझना चाहिए कि अवैध रूप से सीमा पार करना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि इससे भविष्य में गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं।

समाज और राष्ट्र के हित में, हमें हर व्यक्ति को यह संदेश देना चाहिए कि अवैध अप्रवासन का कोई भविष्य नहीं है। हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए, केवल कानूनी रास्तों का ही अनुसरण करना चाहिए।