पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक: बलूचिस्तान मुद्दे का समाधान अब अनिवार्य
पाकिस्तान में हाल ही में हुए ट्रेन हाईजैक ने देश के भीतर व्याप्त असंतोष और अत्याचार को एक बार फिर उजागर किया है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर करीब 200 यात्रियों को बंधक बना लिया, और यह घटना पाकिस्तान सरकार की नाकामी को सामने लाती है। हाईजैक से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान में बलूचों के खिलाफ उत्पीड़न और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन चरम पर है।
बलूचिस्तान, पाकिस्तान का एक ऐसा संवेदनशील क्षेत्र है, जहां लंबे समय से सरकारी दबाव, अत्याचार और सामाजिक असमानता की स्थितियां बनी हुई हैं। बलूच समुदाय अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है, और यह संघर्ष उस समय और तेज हो गया है जब पाकिस्तान सरकार ने इस समुदाय के लोगों के खिलाफ दमनकारी नीतियों को लागू किया है। इसके कारण बलूचिस्तान में न केवल आर्थिक और सामाजिक असमानता बढ़ी है, बल्कि वहां के लोग पाकिस्तान सरकार से पूरी तरह नाराज हैं।
पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है। यदि इस मुद्दे का समाधान समय रहते नहीं किया गया, तो ऐसे और घटनाएं हो सकती हैं, जो न केवल पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति को और कमजोर करेंगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचाएंगी। बलूचिस्तान का राजनीतिक समाधान, न्याय और मानवाधिकारों का संरक्षण पाकिस्तान सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि वहां के लोग शांति से जीवन जी सकें।