न्यायमूर्ति आलोक आराधे ने मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति पद की शपथ ली

तेलंगणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति आलोक आराधे ने आज मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति पद की शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में मंगलवार को आयोजित किया गया, जहां राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद, राज्यपाल के साथ ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने न्यायमूर्ति आराधे को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। इस कार्यक्रम में विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, कौशल्य विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढा और मुंबई उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान, राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने न्यायमूर्ति आलोक आराधे की नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पढ़ी। शपथविधी समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान और राज्यगान से हुई, और समापन भी राष्ट्रगान के साथ हुआ।
न्यायमूर्ति आलोक आराधे ने मध्यस्थता और सामंजस्य केंद्रों, न्यायिक अकादमी और कानूनी सेवा प्राधिकरणों में महत्वपूर्ण नेतृत्व दिया है और उनके कार्यकाल में न्यायिक प्रणाली के विभिन्न पहलुओं में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इसके अलावा, मुंबई उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त किया गया है। उपाध्याय ने अगस्त 2023 में मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में पदभार संभाला था, और अब वे दिल्ली उच्च न्यायालय में अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे।
न्यायमूर्ति आलोक आराधे का जीवन परिचय
न्यायमूर्ति आलोक आराधे का जन्म 13 अप्रैल 1964 को रायपुर, छत्तीसगढ़ में हुआ था। उन्होंने 12 जुलाई 1988 को वकील के रूप में पंजीकरण कराया। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जबलपुर खंडपीठ में उन्होंने नागरिक और संवैधानिक मामलों पर काम किया।
एप्रिल 2007 में उन्हें वरिष्ठ वकील के रूप में नियुक्त किया गया। 29 दिसंबर 2009 को वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायमूर्ति बने और 15 फरवरी 2011 को उन्हें स्थायी न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त किया गया।
न्यायमूर्ति आराधे 20 सितंबर 2016 को जम्मू-काश्मीर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति बने और 11 मई 2018 को उन्हें अस्थायी मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में कार्यभार सौंपा गया। 17 नवंबर 2018 को उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति नियुक्त किया गया। 3 जुलाई 2022 से 14 अक्टूबर 2022 तक उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय में अस्थायी मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में काम किया। अंततः 19 जुलाई 2023 को उन्हें तेलंगणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त किया गया।