धीरेंद्र शास्त्री का बयान: 'मेरे शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया'

धीरेंद्र शास्त्री का बयान: 'मेरे शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया'
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के हालिया बयान को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों को लेकर शास्त्री ने एक बड़ा बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस घटना में जान गंवाने वालों को मोक्ष प्राप्त हुआ है। हालांकि, अब उन्होंने इस बयान पर सफाई दी है और कहा कि उनके शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया है।

शास्त्री ने पहले कहा था कि महाकुंभ के दौरान जो लोग गंगा के किनारे मरे हैं, उन्हें मोक्ष मिलेगा, क्योंकि मृत्यु तो सभी को आनी है, लेकिन जो गंगा किनारे मरेगा, उसे मोक्ष प्राप्त होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि यहां किसी की मृत्यु नहीं हुई, बल्कि लोग असमय चले गए हैं। शास्त्री का यह बयान राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चाओं का विषय बन गया था। अब, 1 फरवरी को उन्होंने इसे लेकर स्पष्टीकरण दिया और कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।

संत समाज का विरोध

धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर संत समाज भी नाराज हो गया है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि यदि शास्त्री को मोक्ष देने का यही तरीका है तो हम उन्हें भी मोक्ष दिलाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा, "जो लोग भगदड़ में मारे गए, उनका मोक्ष हो गया? ये कह देना आसान है, लेकिन जो बच्चे, महिलाएं, वृद्ध और भाई-बहन कुचले गए, उनके लिए मोक्ष का क्या अर्थ है?" स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अगर कोई मोक्ष चाहता है तो हम उसे मोक्ष दिलाने के लिए तैयार हैं।

लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने भी इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "अगर गंगा के किनारे भगदड़ में मरे लोगों को मोक्ष मिल रहा है, तो बाबा खुद उस भीड़ में क्यों नहीं कूद गए?" उन्होंने सोशल मीडिया पर यह सवाल उठाया और कहा कि अगर मोक्ष प्राप्त करने का यही तरीका है, तो सभी VIPs और बाबा को भगदड़ में क्यों नहीं कूदना चाहिए था।