कांग्रेस की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध की मांग

कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार, 30 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और इसे देश के लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। कांग्रेस का आरोप है कि RSS ने हमेशा भारतीय लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया है, और यह समानता, न्याय और सद्भाव के खिलाफ है। पार्टी ने अपने आधिकारिक X (ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए कहा, "अब समय आ गया है कि हम RSS की नफरती विचारधारा के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं।"
कांग्रेस ने RSS पर दलितों, पिछड़ों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है। इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने और सरकारी संस्थाओं पर नियंत्रण जमाने के आरोप भी लगाए गए हैं। कांग्रेस ने कुल सात तर्क दिए हैं, जिनके आधार पर RSS पर बैन लगाने की मांग की जा रही है:
- संविधान विरोधी सोच - RSS भारत के संविधान को विदेशी मानता है और मनुस्मृति को श्रेष्ठ मानता है।
- दलित-पिछड़ों के अधिकारों का विरोध - RSS में आज तक कोई दलित प्रमुख नहीं रहा और उन्होंने OBC, SC, ST की स्कॉलरशिप में कटौती की है।
- शिक्षा बजट में कटौती - शिक्षा के बजट में कटौती की गई, जिससे पिछड़े वर्गों को नुकसान हुआ।
- महिला विरोधी मानसिकता - RSS महिलाओं को केवल पारंपरिक भूमिकाओं में सीमित करने की सोच रखता है।
- राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान - RSS दशकों तक तिरंगे को स्वीकार नहीं करता था।
- अल्पसंख्यकों पर हिंसा - RSS पर मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।
- सरकारी संस्थाओं पर नियंत्रण - RSS ने सरकार, शिक्षा, प्रशासन और संस्कृति में अपनी घुसपैठ बढ़ाई है।
RSS पर अब तक तीन बार प्रतिबंध लग चुका है:
- 1948: महात्मा गांधी की हत्या के बाद।
- 1975: आपातकाल के दौरान।
- 1992: बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद।
हर बार प्रतिबंध हटाया गया। कांग्रेस का कहना है कि अब इस विचारधारा को सख्ती से नियंत्रित करना जरूरी है ताकि देश की लोकतांत्रिक नींव मजबूत रहे।