INDIA गठबंधन में चिंता, AAP की हार से विपक्षी दलों में खलबली

INDIA गठबंधन में चिंता, AAP की हार से विपक्षी दलों में खलबली
India Alliance leaders; File photo

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार ने सिर्फ पार्टी को ही नहीं, बल्कि पूरी विपक्षी एकता को भी झकझोर कर रख दिया है। 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली में सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा लिया है, और इस चुनावी हार के बाद INDIA गठबंधन के दलों में चिंताएं गहरा गई हैं।

विपक्षी दलों का प्रमुख घटक AAP और उसके नेता अरविंद केजरीवाल के लिए यह एक बड़ा धक्का है, क्योंकि महाराष्ट्र के राजनीतिक दिग्गज जैसे उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी यह मानते थे कि केजरीवाल बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़े हो सकते हैं और वह INDIA गठबंधन के लिए एक मजबूत स्तंभ हैं। लेकिन दिल्ली चुनाव में हुई हार ने उन उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया है।

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सौगत रॉय ने इस हार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन के दलों को समझना होगा कि अगर वे एकजुट होकर नहीं लड़े, तो दिल्ली जैसा परिणाम पूरे देश में होगा। उनका कहना था, "दिल्ली में AAP के खिलाफ जनता का गुस्सा था और यह घोटाले का असर था। भाजपा ने अपना पूरा जोर लगाया और जीत गई। अब भाजपा अपने आक्रामक एजेंडे को आगे बढ़ाएगी, और अगर INDIA गठबंधन की पार्टियां एकजुट नहीं हुईं, तो अन्य जगहों पर भी यही स्थिति होगी।"

रॉय ने यह भी कहा कि हर राज्य की राजनीति अलग है, और बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की स्थिति मजबूत है, लेकिन दिल्ली में अलग स्थिति थी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि "अगर सभी दल अपने व्यक्तिगत अहंकार को छोड़कर एकजुट होते, तो भाजपा को 20 से ज्यादा सीटें नहीं मिलतीं।"

वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक रोहित पवार ने भी कहा कि विपक्षी दलों ने अपने अहंकार को अलग रखने में नाकामी दिखाई, जिसके कारण दिल्ली में भाजपा की जीत हुई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर लिखा, "अगर INDIA गठबंधन एकजुट रहता, तो भाजपा की सीटें बहुत कम होतीं।"

दिल्ली में AAP की हार के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या INDIA गठबंधन अपनी एकजुटता बनाए रखेगा या फिर इसका विघटन अवश्यंभावी होगा। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, और अन्य सहयोगी दलों के बीच बढ़ती आपसी असहमतियां और दिल्ली चुनाव के परिणाम, सभी के लिए एक बड़ा राजनीतिक सबक साबित हो सकते हैं।