हम कोई योजना बंद नहीं करने जा रहे - फडणवीस

हम कोई योजना बंद नहीं करने जा रहे - फडणवीस
CM Fadnavis with Women of rural Maharashtra

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान महायुति सरकार द्वारा लाई गई लाडकी बहीण योजना खासा चर्चा में रही। यह योजना महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह स्पष्ट किया कि लाडकी बहीण योजना बंद नहीं होगी। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के कारण सरकारी खजाने पर कितना भार पड़ा है। उन्होंने उन महिलाओं के बारे में भी महत्वपूर्ण बयान दिया है जिन्होंने अपात्र होते हुए भी इस योजना का लाभ लिया है।

 देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लाडकी बहीण योजना शुरू करने के बाद बजट पर 40,000 से 45,000 करोड़ रुपये का भार पड़ा है, जिससे वित्तीय स्थिति पर असर पड़ा है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि "हम किसी भी योजना को बंद करने वाले नहीं हैं। जो योजनाएं चल रही हैं, वे जारी रहेंगी।" उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि "हमारी प्रगति के लिए कितनी निवेश की जरूरत है, इसका रिवर्स गणित बनाएं। यदि 25,000 करोड़ का अंतर है, तो क्या इसे केंद्र से अन्य योजनाओं के जरिए लाया जा सकता है?" उन्होंने यह भी कहा कि "हम किसी भी योजना को बंद करने के चक्कर में नहीं हैं।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि "हम कोई योजना बंद नहीं करने जा रहे हैं। हमें कई बार मीडिया से पता चलता है कि हम किसी योजना को बंद करने वाले हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। हाल ही में गया और अयोध्या के लिए ट्रेनें चलाई गईं , और कोई भी योजना बंद नहीं होगी। हम इन योजनाओं की समीक्षा करेंगे।"

लाडकी बहीण योजना के अंतर्गत कई अपात्र महिलाएं लाभ उठा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि "यह संख्या लगभग 10 लाख से 15 लाख तक जा सकती है। कई अपात्र महिलाओं ने योजना का लाभ लेना शुरू कर दिया था, लेकिन अब उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि "हमारे लिए यह जरूरी है कि केवल पात्र महिलाएं ही इस योजना का लाभ लें, और अपात्र महिलाएं आगे से इस योजना का लाभ नहीं उठा सकें। हालांकि, जो राशि उन्हें पहले मिल चुकी है, वह वापस नहीं ली जाएगी, वह राशि उनके पास रहेगी।"

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि "हमारी प्राथमिकता यह है कि केवल पात्र महिलाएं ही इस योजना का लाभ लें, और इसके लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।"

Please click the link to watch CM Fadnavis with women of rural Maharashtra