सभी को मिलेगी पेंशन! मोदी सरकार की नई स्कीम

भारत में अब विकसित देशों की तर्ज पर एक नई पेंशन स्कीम की शुरुआत होने जा रही है, जिसे यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) कहा जाएगा। यह योजना खासतौर पर सभी नागरिकों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से लाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, लेबर मिनिस्ट्री ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है और इसके तहत देश के सभी नागरिकों को पेंशन का लाभ मिलेगा।
सभी नागरिकों को मिलेगा लाभ
इस योजना में कोई भी भारतीय नागरिक योगदान कर सकता है। सरकार इस स्कीम को EPFO (Employee Provident Fund Organization) के तहत लाने की योजना बना रही है। सरकार अभी इसके स्वरूप पर काम कर रही है और जैसे ही यह तैयार होगा, इसे पब्लिक के बीच लाकर लोगों, विशेषज्ञों, मंत्रालयों और सभी स्टेक होल्डर्स से सुझाव लेकर इस स्कीम को और बेहतर और उपयोगी बनाया जाएगा।
स्कीम को आकर्षक बनाने के उपाय
सूत्रों का कहना है कि सरकार इस योजना को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई पुरानी और नई योजनाओं को इसमें शामिल कर सकती है। सरकार चाहती है कि असंगठित क्षेत्र के लोग जैसे मजदूर, स्वरोजगार वाले लोग और व्यापारी इस स्कीम का फायदा उठा सकें।
कौन-कौन सी योजनाएं हो सकती हैं शामिल?
इस योजना में कुछ प्रमुख योजनाओं को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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प्रधानमंत्री मान धन योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना – ये दोनों स्वैच्छिक योजनाएं हैं, जिनमें 60 साल के बाद हर महीने 3000 रुपये की पेंशन मिलती है। इन योजनाओं में आप हर महीने 55 से लेकर 200 रुपये तक जमा कर सकते हैं, और सरकार भी उतना ही पैसा डालेगी जितना आपने योगदान दिया है।
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अटल पेंशन योजना – यह योजना वर्तमान में PFRDA (Pension Fund Regulatory and Development Authority) के तहत आती है, और इसे भी इस नई स्कीम में शामिल किया जा सकता है।
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भवन और निर्माण श्रमिक एक्ट – इसमें निर्माण क्षेत्र के मजदूरों के लिए पेंशन का प्रावधान हो सकता है।
इसके अलावा, सरकार राज्य सरकारों को भी अपनी पेंशन योजनाओं को इस स्कीम में शामिल करने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिससे पेंशन राशि बढ़ सकेगी और अधिक लोग लाभान्वित हो सकेंगे।
बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि
संयुक्त राष्ट्र के "इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023" के अनुसार, 2036 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या करीब 15 प्रतिशत तक पहुँच सकती है, और 2050 तक यह संख्या 20 प्रतिशत तक पहुँचने का अनुमान है। ऐसे में सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह विकसित देशों की तरह भारत में भी पेंशन और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं प्रदान करने वाली योजना लागू करे।
भारत में सोशल सिक्योरिटी व्यवस्था मुख्यतः पेंशन और फंड पर निर्भर है, और इस नई यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत यह क्षेत्र मजबूत हो सकता है। यह कदम सोशल सिक्योरिटी के मामले में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन साबित हो सकता है, जिससे भविष्य में बुजुर्गों को राहत मिल सकेगी।