राजनीतिक हस्तियों ने संगम में लगाई डुबकी

विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के रूप में प्रसिद्ध महाकुंभ मेला, संगम पर बृहस्पतिवार को एक ऐतिहासिक दृश्य प्रस्तुत हुआ, जब बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सहित दो राज्यपाल, दो मुख्यमंत्रियों और केंद्र एवं राज्यों के 15 से अधिक मंत्रियों ने संगम की पवित्र लहरों में डुबकी लगाई। बिहार के राज्यपाल ने संगम में डुबकी लगाकर गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश की। इस दौरान मेला क्षेत्र में वीआईपी आगमन को लेकर चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।
राज्यपाल, मुख्यमंत्री, डिप्टी मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने न सिर्फ संगम पर बड़ा हनुमान दर्शन किया, बल्कि ज्ञान के प्रतीक अक्षयवट के दर्शन भी किए। तीसरे और आखिरी अमृत स्नान के बाद संगम के तट पर आम श्रद्धालुओं के साथ वीआईपी का तांता लगने लगा। बृहस्पतिवार को संगमनगरी की सड़कों पर सीएम की फ्लीट भी अपने मार्ग में रुकावटों का सामना करती दिखी। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की फ्लीट को अलोपीबाग चुंगी चौराहे के पास सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया, लेकिन काफी प्रयासों के बाद वह संगम की ओर बढ़ सके और अपने मंत्रियों और परिवार के साथ संगम में डुबकी लगाई।
इसी दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी अपनी कैबिनेट के मंत्रियों और परिजनों के साथ संगम पहुंचे और पुण्य की डुबकी लगाई। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, त्रिपुरा के राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक, ओडिशा के डिप्टी सीएम कनकवर्धन सिंह, और प्रदेश के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, रामकेश निषाद, और दयाशंकर मिश्र दयालु सहित कई प्रमुख हस्तियां संगम में स्नान करने पहुंचीं। इसके अलावा, सेवानिवृत्त मुख्य न्यायमूर्ति और लोकपाल रितुराज अवस्थी भी इस पुण्य अवसर का हिस्सा बने।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक धरोहर का गौरव बताते हुए कहा कि यह आयोजन पूरे विश्व को शांति, एकता और सेवा का संदेश देता है। उन्होंने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चिंतन पर गहन विचार व्यक्त किए।
इस दौरान प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने राज्यपाल का स्वागत किया और महाकुंभ की दिव्यता, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और आयोजन की भव्य तैयारियों पर चर्चा की।
राज्यपाल ने परमार्थ निकेतन शिविर का भी दौरा किया, जहां उन्हें स्वामी चिदानंद सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। इस अवसर पर गंगा संरक्षण और वैश्विक शांति के महत्व पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। स्वामी चिदानंद ने महाकुंभ को मानवता के उत्थान का महोत्सव बताया और संत परंपरा की महानता पर प्रकाश डाला।
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