महाराष्ट्र में 1 लाख 94 हजार SEO की होगी नियुक्ति

महाराष्ट्र  में 1 लाख 94 हजार SEO की होगी नियुक्ति
Chandrashekhar Bavankule

महाराष्ट्र सरकार ने विशेष कार्यकारी अधिकारी (Special Executive Officer) नियुक्ति के लिए नई नियमावली जारी की है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे  की अध्यक्षता में एक समिति इस नियुक्ति प्रक्रिया की निगरानी करेगी। समिति में संबंधित जिलों के पालकमंत्री और जिल्हाधिकारी सदस्य होंगे। राज्य सरकार द्वारा जारी की गई इस नियमावली में पात्रता मापदंड, जिम्मेदारियां और चयन प्रक्रिया स्पष्ट रूप से बताई गई है। विशेष कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्ति पांच साल के लिए की जाएगी। इसके अलावा, नियुक्त अधिकारियों को सरकारी योजनाओं का प्रचार, आपदा प्रबंधन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने की जिम्मेदारी निभानी होगी। इस नई नियमावली से स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं से पहले ही स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं को नई संधी मिल रही है।

अब महाराष्ट्र में हर 500 मतदाताओं के पीछे एक विशेष कार्यकारी अधिकारी होगा। इससे राज्य में 1 लाख 94 हजार विशेष कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, ऐसा राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जानकारी दी है। विशेष कार्यकारी अधिकारी एक शोभे का पद नहीं होगा, बल्कि उन्हें 13 से 14 विशेष अधिकार दिए जाएंगे, ऐसा भी बावनकुले ने बताया। अब तक हर 1000 मतदाताओं के लिए एक विशेष कार्यकारी अधिकारी होता था। लेकिन अब राज्य सरकार ने नया जीआर जारी कर प्रत्येक 500 मतदाताओं के लिए एक विशेष कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है, जिससे बड़ी संख्या में विशेष कार्यकारी अधिकारी राज्य में नियुक्त होंगे। इससे विशेष रूप से सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए नई संधी बन रही है, और यह संधी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को मिल रही है।

विशेष रूप से आज के जीआर के अनुसार, अब तक पद पर बैठे विशेष कार्यकारी अधिकारियों के पद तुरंत प्रभाव से समाप्त हो जाएंगे। जल्द ही प्रत्येक जिले की चयन समिति के माध्यम से नए विशेष कार्यकारी अधिकारियों की चयन और नियुक्ति की जाएगी, ऐसा भी बावनकुले ने बताया।

पात्रता मापदंड:

  •  उम्र विशेष कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्ति के कैलेंडर वर्ष की 1 जनवरी 2025 को 25 साल से कम और 65 साल से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • संबंधित व्यक्ति को "कम से कम दसवीं (एस.एस.सी.) या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए, आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए "कम से कम आठवीं परीक्षा" उत्तीर्ण होना चाहिए।
  • संबंधित व्यक्ति का महाराष्ट्र में लगातार निवास होना चाहिए, और उन्हें नियुक्ति के कैलेंडर वर्ष की 1 जनवरी के पास से कम से कम 15 वर्ष का कार्य अनुभव होना चाहिए।
  • संबंधित व्यक्ति पर कोई फौजदारी अपराध नहीं होना चाहिए, या उन पर कोई गंभीर अपराध दर्ज न हो, और किसी भी न्यायालय द्वारा उन्हें दिवालिया घोषित नहीं किया गया हो।
  • कोई भी व्यक्ति विशेष कार्यकारी अधिकारी के रूप में पुनर्नियुक्ति के योग्य हो सकता है, लेकिन पात्रता मापदंडों को पूरा करने के लिए उसकी पुनः जांच होनी चाहिए।
  • गट-अ और गट-ब (राजपत्रित) सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी विशेष कार्यकारी अधिकारी नियुक्ति के लिए योग्य होंगे।

विशेष कार्यकारी अधिकारी के अधिकार:

  • विशेष कार्यकारी अधिकारी राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में सहयोगी के रूप में काम करेंगे।
  • प्रशासन और पुलिस से समन्वय करेंगे।
  • जो युवा नागरिक सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं, उन्हें इस क्षेत्र में संधी मिलेगी।
  • राजस्व मंत्री राज्य की चयन समिति के अध्यक्ष होंगे।
  • प्रत्येक जिले में विशेष कार्यकारी अधिकारी की चयन समिति में राजस्व मंत्री के अध्यक्षता में पालकमंत्री और जिल्हाधिकारी शामिल होंगे।
  • सरकार द्वारा जारी किए गए नए जीआर के बाद वर्तमान विशेष कार्यकारी अधिकारियों के पद समाप्त हो जाएंगे और नई नियुक्तियां की जाएंगी।
  • सरकारी योजनाओं के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र देने का अधिकार इन विशेष कार्यकारी अधिकारियों के पास होगा।
  • विभिन्न समितियों में उन्हें स्थान मिलेगा और सरकार के विभिन्न कार्यों पर निगरानी रखने का अधिकार भी उन्हें होगा।
  • विशेष कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति जिल्हाधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद 5 वर्षों के लिए होगी।

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