महाराष्ट्र की तरह दिल्ली में भी दो डिप्टी सीएम ?

महाराष्ट्र की तरह दिल्ली में भी दो डिप्टी सीएम ?
Delhi BJP leaders in meeting today

दिल्ली में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और कौन-कौन मंत्री बनेगा, इस सवाल का सस्पेंस अब और भी गहरा गया है। सीएम की दौड़ में कई नाम हैं । बीजेपी दिल्ली में दो डिप्टी सीएम भी बना सकती है, और संभावना जताई जा रही है कि  किसी पूर्वांचली नेता और महिला नेता को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। दिल्ली बीजेपी की एक प्रमुख महिला नेता ने सोशल मीडिया पर इशारों-इशारों में इस बारे में संकेत भी दिए हैं। इसमें एक डिप्टी सीएम पूर्वांचल से और दूसरा महिला उम्मीदवार हो सकता है। इस बार बीजेपी से चार पूर्वांचली विधायक चुने गए हैं, और चार महिलाएं भी विधायक बनी हैं।

जातिगत समीकरण में दावेदारों की बढ़ती संख्या

दिल्ली की सत्ता के लिए जाट, पूर्वांचली, सिख, महिला और दलित वर्गों के लोग दावेदार माने जा रहे हैं। कौन सा चेहरा किस कुर्सी पर बैठता है, यह अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन चर्चा का दौर जारी है। 

कपिल मिश्रा भी दावेदार?

बीजेपी के चार पूर्वांचली विधायकों में कपिल मिश्रा, अभय वर्मा, पंकज सिंह और चंदन चौधरी शामिल हैं। पूर्वांचली नेतृत्व के पक्ष में जो बातें उठ रही हैं, उसमें एक प्रमुख कारण बिहार चुनाव भी है, जो इस साल के अंत में होने वाला है। इस बीच, सबसे चर्चित नाम कपिल मिश्रा का है, जिनका गोरखपुर से कनेक्शन है। कपिल मिश्रा ने अपनी राजनीति की शुरुआत आम आदमी पार्टी से की थी, लेकिन अब वे हिंदुत्ववादी चेहरा बन चुके हैं। वहीं, लक्ष्मी नगर से विधायक अभय वर्मा भी एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं क्योंकि उनका कनेक्शन आरएसएस से है और वे पार्टी के पुराने नेता हैं।

महिला नेताओं में भी एक नई दावेदारी

दिल्ली की शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, ग्रेटर कैलाश से शिखा रॉय, नजफगढ़ से नीलम पहलवान और वजीरपुर से पूनम शर्मा विधायक बनी हैं। इनमें से किसी एक के सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने की चर्चा हो रही है। रेखा गुप्ता का नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है, हालांकि जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने खुद को इस रेस से दूर बताया। महिला डिप्टी सीएम की दावेदारी इस बार इसलिए भी मजबूत मानी जा रही है क्योंकि इस बार दिल्ली में 43 प्रतिशत महिलाओं ने बीजेपी को वोट किया है, जो पिछले चुनावों के मुकाबले आठ प्रतिशत ज्यादा है।

यह सारे समीकरण दिल्ली के सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बने हुए हैं, और इस पर अंतिम फैसला पार्टी के आलाकमान को ही लेना है। फिलहाल, इस मुद्दे पर मंथन जारी है।