भारत में संगीत समारोहों में टिकटों की कालाबाजारी एक गंभीर समस्या

भारत में जब भी कोई बड़ा संगीत समारोह होता है, जैसे कि हनी सिंह, दिलजीत दोसांझ या कोल्डप्ले के कॉन्सर्ट्स, इनके टिकटों के लिए बड़े स्तर पर कालाबाजारी शुरू हो जाती है। ये कलाकार और बैंड्स अपनी जबरदस्त फैन फॉलोइंग के लिए जाने जाते हैं, और इनकी परफॉर्मेंस का हर श्रोता हिस्सा बनना चाहता है। लेकिन इसके साथ ही, टिकटों की कालाबाजारी भी अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाती है।

हनी सिंह के कॉन्सर्ट के दौरान, टिकटों की बिक्री के बाद इनकी कीमतें आसमान छूने लगीं, जिससे सामान्य प्रशंसकों को इन टिकटों का मिलना मुश्किल हो गया। इसी तरह, पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के टिकटों को भी बिना किसी नियम के बड़े पैमाने पर बेचा गया। कुछ घंटों में ही सारे टिकट बिक गए और फिर इनकी कालाबाजारी शुरू हो गई। खबरें आईं कि टिकटों को हजारों रुपये में बेचा गया, जो कि आम जनता के लिए न सिर्फ अनुचित था, बल्कि अत्यधिक महंगा भी था।

कोल्डप्ले बैंड के भारत दौरे के दौरान भी यही स्थिति देखी गई। बुकमाइशो जैसे प्लेटफॉर्म पर बिना नाम के टिकट बेचे गए, और इन टिकटों को फिर काले बाजार में ऊंची कीमतों पर बेचा गया। यह केवल संगीत समारोहों का आनंद लेने वाले दर्शकों के साथ धोखा नहीं था, बल्कि यह एक गंभीर समस्या बन गई है।

इस पर काबू पाने के लिए एक पारदर्शी और सुसंगत प्रणाली की जरूरत है, जिससे टिकट वितरण सही तरीके से हो सके। कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि संगीत प्रेमियों को उनका अधिकार मिल सके और वे बिना किसी बाधा के अपने पसंदीदा परफॉर्मेंस का आनंद ले सकें।