बिहार में बढ़ती बयानबाजी से जेडीयू की असहज स्थिति

बिहार में हाल के दिनों में होली और जुमे की नमाज को लेकर बीजेपी नेताओं की बयानबाजी ने राज्य की राजनीति में तूफान मचा दिया है। साथ ही, औरंगजेब, हिन्दू राष्ट्र, और बिहार हिंदू राज्य जैसे संवेदनशील मुद्दे भी उठने से जेडीयू असहज नजर आ रही है। पार्टी को यह चिंता सताने लगी है कि कहीं नीतीश कुमार की सेक्युलर छवि पर असर न पड़े, और उनका वोटो का आधार न बिगड़े।
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने हाल ही में इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा, "आगामी विधानसभा चुनाव का एजेंडा सुशासन और विकास है। NDA को इसी पर फोकस करना चाहिए। हिन्दू-मुस्लिम एजेंडे का चुनाव में कोई स्थान नहीं है।" उनका कहना था कि यह देश हिंदू राष्ट्र नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां सभी समुदाय एकजुट होकर रहते हैं। बिहार में भी यही मॉडल लागू है।
अभिषेक झा ने यह भी कहा कि "संविधान से छेड़छाड़ की इजाजत किसी को नहीं हो सकती। होली और जुमे की नमाज का एक ही दिन होना कोई नई बात नहीं है। पिछले 10 वर्षों में चार बार ऐसा हुआ है, और हर बार बिहार में यह शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया है। इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।"
जेडीयू की चेतावनी पर बीजेपी का जवाब
जेडीयू के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, "देश हिंदू राष्ट्र है, और इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। जो लोग औरंगजेब को पूजते हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। माहौल बिगाड़ने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। होली और जुमे की नमाज एक ही दिन है, अगर किसी ने गड़बड़ी की, तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा। बीजेपी जेडीयू के साथ खड़ी है, पीएम मोदी और नीतीश कुमार मजबूती से साथ हैं।"
आरजेडी ने भी नीतीश पर निशाना साधा
बीजेपी से असहज जेडीयू अब आरजेडी के निशाने पर आ गई है। आरजेडी प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए कहा, "सीएम नीतीश कुमार बार-बार 2005 के शासनकाल की बात करते हैं, लेकिन 2013 में ऐसा क्या हुआ था कि उन्हें बीजेपी से अलग होना पड़ा था? आप नहीं चाहते थे कि मोदी प्रधानमंत्री बनें, क्योंकि उनका भाषण समाज को बांटने वाला था।"
ऋषि मिश्रा ने यह भी कहा, "आज बिहार में आपके सहयोगी दल बीजेपी के कुछ नेता समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। अब आप (नीतीश कुमार) क्या करेंगे? क्या अब आप कुछ करने की स्थिति में हैं या नहीं? बिहार की जनता जानना चाहती है क्योंकि बिहार की जनता प्रेम से मिलकर रहना चाहती है।"
राजनीति में उठते सवाल और जटिल होते समीकरण
बिहार में हो रही बयानबाजी से साफ है कि राज्य की राजनीति में आगामी चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बन चुकी है। जेडीयू को जहां अपनी सेक्युलर छवि की चिंता है, वहीं बीजेपी और आरजेडी के आरोप-प्रत्यारोप ने माहौल और भी गर्मा दिया है।